
तालाब गहरीकरण कार्य में आने वालों मजदूरों को आधे, काम मे नहीं आने वाले मजदूरों को पूरी राशि भुगतान की ग्रामीणों ने की शिकायत ।
बसना।बसना जनपद के ग्राम पंचायत सराईपाली में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के रानी तालाब गहरीकरण में रोजगार सहायक, सरपंच और मेट द्वारा तकनीकी सहायक के मिली भगत से काम में आने वालों मजदूरों को साप्ताहिक मजदूरी 500 से 700 रुपये का भुगतान किया जा रहा हैं। जबकि जिम्म्मेदार अपने परिजनों के नाम पर बिना काम में आये मजदूरों के नाम पर फर्जी मस्टररोल भरकर साप्ताहिक मजदूरी 1000 से लेकर 1158 रुपये का भुगतान कर लाभ पहुंचा रहे हैं।जिससे ग्रामीणों में आक्रोश व्यापत हैं।
केन्द्र सरकार की देश व्यापी सबसे बड़े और गरीबों के महत्वपूर्ण योजना में प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कोरोना संक्रमण से बुरे हालात के बावजूद मनरेगा ग्रामीणों के रोजगार एवं जीवन यापन का सहारा बने योजना में ग्राम पंचायत द्वारा नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुये फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया जा रहा हैं। जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा जनपद सीईओ से करते हुये जिम्मेदारों द्वारा मनमानी पूर्वक कार्य मे भ्रष्टाचार कर फर्जी मस्टररोल से शासन की राशि का गबन किया जा रहा हैं। जिस पर जांच कर दोषियों के ऊपर त्वरित कार्यवाही करने की गुहार लगाई हैं। ग्राम पंचायत सराईपाली के ग्रामीणों ने वर्ष 2021-22 में रानी तालाब गहरीकरण में सरपंच संगीता जयकांत भोई, रोजगार सहायक श्रीमती साहू, मेट चकानयन साहू द्वारा तकनीकी सहायक रमा साहू के मिलीभगत से 17 मई 2021 से 23 मई 2021 तक तालाब गहरीकरण कार्य मे काम मे आने वाले मजदूरों को साप्ताहिक मजदूरी 500 से 700 रूपये का भुगतान किया गया हैं। जबकि उक्त तिथि में तालाब गहरीकरण कार्य मे नही आने वाले सरपंच के परिजन देशमुख भोई रोजगार सहायक के परिजन कलावती, प्रकाश, बिरंची सेविका मेट के परिजन कस्तूरी, मुरली प्रधान सहित 25-30 मजदूरों के नाम से 1000 से 1158 रुपये का भुगतान किया गया।
इसके अलावा ग्राम पंचायत में स्वीकृत कार्य कचरा शेड निर्माण के नींव खोदाई कार्य मे रानी तालाब गहरीकरण कार्य कार्यरत मजदूर लोचन, अगस्ती, तेजराम, रत्ना, दिलीप, देवेंद्र, मथामणी, निधी सहित 30 से ज्यादा मजदूरों को ले जाकर कार्य करवाया गया हैं जिसका भुगतान फर्जी ढंग से रानी तालाब गहरीकरण कार्य में मस्टररोल भरकर किया हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा मनरेगा कार्य के दौरान कार्यस्थल में मजदूरों के लिये पेयजल की व्यवस्था एवं प्राथमिक उपचार हेतु दवाई पेटी की भी व्यवस्था नहीं की जाती है।
इसके अलावा मनरेगा कार्य के संचालन में बड़ी लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाते हुए बताया कि कार्यस्थल में मजदूरों को भगवान भरोसे छोड़कर मेट एवं रोजगार सहायक द्वारा 10 से 11 बजे आकर हाजरी लिया जाता हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बारी अंतर्गत गौठान में वर्मी कंपोस्ट खाद निर्माण हेतु टैंक निर्माण का कार्य में शासन प्रशासन द्वारा प्रतिबंधित लाल ईट का प्रयोग करने की बात बताई। इसके अलावा रोजगार सहायक श्रीमती साहू द्वारा वर्ष 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत बनने वाले आवासों की मजदूरी के भुगतान में घपला शिकायत करते हुये ग्राम पंचायत के लाभार्थियों को मनरेगा मजदूरों के नाम से 90 दिवस का मिलने लगभग 15 हजार रुपये राशि का पूरा-पूरा भुगतान नही किया हैं।
इस संबंध में ग्राम पंचायत की सरपंच संगीता जयकांत भोई ने बताया कि मजदूरों को साप्ताहिक मजदूरी 500-700 रुपये एवं रोजगार सहायक परिजनों को पूरा पूरा मजदूरी देने की मजदूरों की शिकायत सही है। हमारे द्वारा मस्टरोल इस कारण रोकर रखा था जिसके संबंध में रोजगार सहायक श्रीमती साहू से पूछताछ करने के लिये बुलाया गया लेकिन नही आई तब तकनीकी सहायक रमा साहू के द्वारा मस्टररोल को जनपद में जमा करने को कहा आखिरकार मजदूरों के हित को देखते हुये मस्टररोल को देना पड़ा। पूर्व में पानी और अन्य चीजों की व्यवस्था रोजगार सहायक द्वारा की जाती है वर्तमान में व्यवस्था है कि नही पता नही हमारे द्वारा तत्काल सारी चीजों व्यवस्था हेतु रोजगार सहायक को निर्देशित किया जावेगा।
“ग्राम पंचायत सराईपाली के संबंध में जो भी शिकायत प्राप्त हुआ जांच कर उचित कार्यवाही की जावेंगी”
सनत महादेवा
सीईओ जनपद पंचायत बसना