
भालुओं को मिलेंगे अब मीठे बेर : सैकड़ों ग्रामीणों ने पहाड़ी पर मनाया विश्व पर्यावरण दिवस।
कोमाखान।रुपई पहाड़ी कसेकेरा में विश्वपर्यावरण दिवस के अवसर पर शासकीय उच्च प्राथमिक शाला में लाउडस्पीकर के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने अपने घर से बीज व कुदाली के साथ पहाड़ी पर बीजारोपण का आह्वान किया गया।सरपंच श्रीमती ईश्वरी दीवान के अगुवाई में महिला समूह की अध्यक्षा श्रीमती अनुसूइया साहू जी कुदाली लेकर बीज बोने की शुरुवात की सरपंच द्वारा खाद डाल कर मिट्टी पाटी गई।
स्वेक्षादान के कार्यक्रम में युवा वर्ग ने अपने साथ बीज ला कर उन स्थानों में व दो चट्टानों के बीच की दरार में बीज बोने व खाद डालने का काम किया। गायत्री मिशन से करण साहू व व्यवस्थापक हलधर यादव ने चट्टानों के बीच बहते जल को रोकने कटाव के लिए अनुपयोगी प्लास्टिक बोरी,पालीथिन से पानी को रोकने ढलान में बेरियर तैयार किया गया। प्रधान पाठक डॉ विजय शर्मा ने बताया कि पहले बारिश में पतझड़ के अवशेष बहकर नदी में बह जाते हैं।इस मुहिम में अवशेषों को अवरोध बनाकर रखेंगे जिससे गाद इकट्ठा होगी ,उसमें घास पौधा रोपण की जाएगी।इस अभियान में ग्रामवासी स्वतः संज्ञान से अपने इच्छानुरूप बीज पौधे अपने सहूलियत से लगाएंगे, 100 एकड़ की पहाड़ी में इस वर्ष 5 एकड़ में हरियाली लाने का लक्ष्य है। इस अवसर पर पर्यावरणप्रेमी डॉ राजेन्द्र शर्मा ने खट्टी बेर को बनारसी मीठी बेर में बदलने ट्रांसप्लांट 10 पौधों में किया गया। उन्होंने बताया कि सालभर के अंदर लोगों को मीठे बेर खाने को मिलेंगे, भालू बन्दर के लिए भी भोजन की व्यवस्था होगी। अपील की गांव में जितने बेर की नई शाखा है चिन्हित कर मीठे बेर में बदले।इसके लिए वानिकी विभाग पूरी सहायता करेगी। अभियान में बुजुर्ग युवाओं, महिलाओं में जोश के साथ पूरा किया अभियान की निरंतरता के लिए स्कूल को बीज संग्रहण केंद्र बनाया गया है, जो सदस्य पहाड़ी या तलहटी में नही जा सकते व अपना बीज पौधे का योगदान केंद्र में जमा कर सकते हैं। राजपरिवार कोमाखान ठा थिऐन्द्र प्रताप सिंह इस अभियान के लिए 1 किलो ग्राम ग्रासिम घास का रोपण जगह देख कर किया जाएगा।इस वर्ष पशुधन के लिए चारा का प्रबंध के साथ दुग्ध उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य है, इसके लिए उपयोगी सिद्ध होगा।आचार्य रूपेश साहू का कृषि उपकरणों की उपलब्धता के लिए विशेष योगदान रहा। मनोज तिवारी द्वारा 500 पुराने बारदाने,व ग्रामवासियों ने चार, इमली,करन, सजा,खैर,गूंज, बेर, पपीता, कोरिया, नीम, आम, सुबम्बूल, बम्बूल, कपास, भालू बीट से मिले तेंदू,छीन भी सहयोग में प्राप्त हुआ, ग्रीन केयर सोसायटी अध्यक्ष डॉ विश्वनाथ पाणिग्राही ने बरसात में वृक्षारोपण करने व कलिंग यूनिवर्सिटी के प्रो डॉ राजशेखर ने शोधकर्ताओं के साथ कसेकेरा पहाड़ी को अध्ययन क्षेत्र के रूप में चयन किया । सन्तोष यादव ने सबको धन्यवाद साधुवाद ज्ञापित किया।




