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हाई कोर्ट के फैसले से स्कूल शिक्षा के 1478 पदोन्नत प्राचार्य की होगी शीघ्र पोस्टिंग

धमतरी । स्कूल शिक्षा विभाग विभाग में ई संवर्ग के 1478 व्याख्याता एवं प्रधान पाठक माध्यमिक विद्यालय को 30 अप्रैल 2025 को प्राचार्य पद पर पदोन्नति दी गई थी किंतु उच्च न्यायालय बिलासपुर में पदोन्नति आदेश के विरुद्ध एक व्याख्याता द्वारा याचिका दायर करने के कारण उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश जारी कर स्थगन लगा दिया था जिसके कारण पूरे प्रदेश में प्राचार्य की पदस्थापना नहीं पाई ।

उस याचिका की सिंगल बेंच में अंतिम सुनवाई 5 अगस्त को हुई थी तथा न्यायमूर्ति श्री रविंद्र कुमार अग्रवाल ने फैसले को रिज़र्व कर दिया था।रिज़र्व फैसले को उच्चतम न्यायालय के निर्देश के तथा नव्वे दिन के अंदर फैसला जारी करना आवश्यक है उसी तारतम्य में न्यायमूर्ति श्री अग्रवाल ने 6 अक्टूबर को फैसले की घोषणा करते हुए शासन के पक्ष में फैसला देते हुए याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज कर दिया।

छत्तीसगढ़ शासकीय कर्मचारी अधिकारी महासंघ एवं संयुक्त मोर्चा के जिला संयोजक दीपकशर्मा ,, महासंघ के घटक दल लिपिक वर्गीय संघ के ,रमेशदेवांगन, रुपेंद्र साहू ,रजत शिन्दे, लोकेश वाघमारे , विद्यालय इन कर्मचारी संघ प्रवीण साहू ,छत्तीसगढ़, शिक्षक कांग्रेस के अध्यक्ष, दिनेशसोनकर ,स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय नारंग, अशासकीय अनुदान संघ के प्रकाश पवार, पटवारी संघ के अध्यक्ष वासुदेव भोई, छत्तीसगढ़ कर्मचारी संघ के भुवनेश्वर साहू, श्रीमती पूजा शर्मा, धर्मेन्द्र साहू ने जानकारी में बताया कि प्राचार्य पदोन्नति फोरम के अनिल शुक्ला,राकेश शर्मा,आर के झा,श्याम कुमार वर्मा एवं मलखम वर्मा ने प्राचार्य पदोन्नति फोरम की ओर से शासन के समर्थन में इंटर विनर पिटीशन दायर किए थे।

न्यायालय द्वारा सुनाए गए फैसले पर कहा कि देर से ही सही पर सत्य की जीत हुई।प्रदेश कतिपय शिक्षक इस पदोन्नति प्रक्रिया को बारंबार बाधित करने का प्रयास किए किंतु असफल रहे ।प्राचार्य पदोन्नति फोरम ने स्कूल शिक्षा मंत्री,शिक्षा सचिव एवं संचालक लोक शिक्षण से शीघ्रता के साथ काउंसलिंग प्रक्रिया पूर्ण कर पद स्थापना आदेश जारी करने की मांग किया है।

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