Dhamtari News

सिहावा मार्ग पर चलना जान जोखिम में डालने के बराबर – गड्ढे, कीचड़ और धूल से बेहाल आमजन, जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर उठे सवाल

धमतरी। बरसात का मौसम धमतरी सहित समूचे क्षेत्रवासियों के लिए राहत नहीं बल्कि आफ़त बन चुका है। शहर से लगे सिहावा मार्ग की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि उस पर चलना किसी हादसे को न्योता देने से कम नहीं। छोटे-बड़े गड्ढे, कीचड़ और धूल से पटा यह मार्ग आए दिन दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है।

वर्षों से उठ रही थी आवाज – आज भी अधूरी

कोलियारी से लेकर दोनर, खरेंगा, जोरातराई तक सड़क चौड़ीकरण व निर्माण की मांग ग्रामीण जनता वर्षों से कर रही थी। आखिरकार स्वीकृति तो मिली, काम भी शुरू हुआ, मगर वर्तमान स्थिति इतनी बदतर है कि सड़क की बजाय यह दलदल और गड्ढों का जाल नजर आता है।

हादसों की गारंटी बनी सड़क

धमतरी से नगरी और उड़ीसा जाने के लिए यही मुख्य मार्ग है। सिहावा चौक से लेकर कोलियारी चौक तक सड़क की हालत ऐसी है कि हल्की बारिश होते ही गड्ढों में पानी भर जाता है। वाहन चालकों को गहराई का अंदाजा नहीं हो पाता और उनका बैलेंस बिगड़ जाता है। रोज़ाना बाइक सवार गिरकर घायल हो रहे हैं। बारिश न हो तो यही सड़क धूल से भरी रहती है। मतलब – पूरे साल परेशान होना आम बात हो गई है।

ड्रेन टू ड्रेन सड़क की मांग

लोगों का साफ कहना है कि आधे-अधूरे काम से राहत नहीं मिलेगी। सिहावा रोड में ड्रेन टू ड्रेन सड़क निर्माण बेहद ज़रूरी है। तभी धूल और गंदगी से निजात मिल सकती है। लोगों का सवाल है कि आखिर प्रशासन किसके इंतज़ार में है – और कितने हादसों के बाद इस मार्ग पर सुध ली जाएगी?

व्यापार और सेहत पर मार

सिहावा रोड अब व्यापारिक और आवासीय केंद्र बन चुका है। जगह-जगह दुकानें, गोदाम और कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं। यातायात का दबाव भी बढ़ चुका है। लेकिन सड़क की दुर्दशा ने व्यापार को तबाह कर दिया है। बरसात के मौसम में दुकानों के सामने कीचड़ इतना बढ़ जाता है कि ग्राहक दुकान तक जाने से कतराते हैं। वहीं धूल और कीचड़ के लगातार संपर्क में रहने से आसपास के निवासियों की सेहत बिगड़ रही है। श्वसन रोग और एलर्जी की समस्या आम हो चुकी है।

जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी पर सवाल

क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों – चाहे वे विधायक हों, सांसद हों या फिर नगरीय निकायों से जुड़े प्रतिनिधि – सभी की चुप्पी अब सवालों के घेरे में है। जनता पूछ रही है कि आखिर किस काम के लिए उन्हें चुना गया? सड़क निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद भी काम क्यों ठप पड़ा है? सड़क पर आए दिन हो रही दुर्घटनाओं और व्यापार की बर्बादी पर क्यों आंखें मूंद ली गई हैं?

जनता का आक्रोश – चेतावनी स्पष्ट

व्यापारी और निवासी अब साफ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि जल्द ही गुणवत्तापूर्ण व ड्रेन टू ड्रेन सड़क निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। जनता का कहना है कि अब आश्वासन नहीं, जवाब और ठोस काम चाहिए।

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