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प्रभारी प्राचार्य हीरासिंग नायक ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर सभी बच्चों व स्टॉफ को कराया न्यौता भोज..

स्वामी आत्मानंद विद्यालय कोमाखान के प्रभारी प्राचार्य हीरासिंग नायक ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर सभी बच्चों व स्टॉफ को कराया न्यौता भोज।

कोमाखान । छत्तीसगढ़ के स्कूलों में संचालित की जा रही प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना में समुदाय की भागीदारी से अनूठा नवाचार न्योता भोजन लोगों को काफी पसंद आ रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर शुरू किए गए न्योता भोजन के कार्यक्रम से लोग लगातार जुड़ते जा रहे हैं। सरकार बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए जनप्रतिनिधियों,आम जन और समाज को न्योता भोजन के जरिए स्कूल से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही है।


इसी कड़ी में स्वामी आत्मानंद विद्यालय कोमाखान के प्रभारी प्राचार्य हीरासिंग नायक ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर सभी बच्चों व स्टॉफ को कराया न्यौता भोजन।बच्चो की पसंदीदा पुलाव,पापड़,जलेबी खिलाई।इस अवसर पर बच्चों को निरंतर शिक्षा प्राप्त करते रहने,मोबाइल का उपयोग कक्षा 12 वी तक कम से कम करने और सकारात्मक सोच के साथ जीवन में हमेशा आगे बढ़ते रहने के लिए प्रोत्साहित किया।बता दे निःशुल्क कोचिंग संस्था सुपर 40 बागबाहरा के संयोजक हीरासिंग नायक प्रतिदिन शाम को एक घंटा ऑनलाइन क्लास लेकर क्षेत्र के बच्चो की बुनियादी शिक्षा मजबूत करने में लगे हैं।

स्वामी आत्मानंद विद्यालय कोमाखान के शाला विकास समिति अध्यक्ष हिरेंद्र उपाध्याय,नितिन जैन,आशीष वाकडे,वाजिद खान,प्रदीप यादव,वरिष्ठ व्याख्याता कुमत राम ध्रुव,सुनील शुक्ला,अमरीका साहु,स्वाति सोनी,सना मुमताज,कविता चंद्राकर,मीना चंद्राकर,रविन्द्र ठाकुर,देवानंद वेदव्यास,नयन मिश्रा,प्रेमशंकर चौहान व संकुल लुकुपाली के सभी शिक्षक,वरिष्ठ पत्रकार साथियों के साथ सभी इष्ट मित्रों ने बधाई दी।इस अवसर पर अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक सोहन पटेल,गुरूदेव पटेल,लीना ध्रुव,ईशा शुक्ला,जोया मकरानी,जेबा मकरानी,श्रद्धा शर्मा,रवि ध्रुव,कुंदन यादव,रूपाली साहु,नंदिता ताम्रकार,हिमांशु सोनी,मोनिशा निर्वाण,ऋतुराज साहु,कृष्णा ध्रुव, दुर्गेश यादव,अंजली दुबे,ज्ञान महानंद,एस कुमार,शाहिदा बानो व रसोइयागण आदि उपस्थित रहे।

छत्तीसगढ़ में दान देने की परंपरा रही है नई फसल की खुशी में छेरछेरा पर्व में दान देने की परंपरा है। यह हमारे समाज की दानशीलता का उदाहरण है। हमारे शास्त्रों में भी अन्नदान को महादान की संज्ञा दी गई है। छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए समाज की इसी परम्परा के लिए जनमानस को प्रेरित कर रही है। गौरतलब है कि स्कूलों में नन्हे-मुन्हे बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए न्योता भोजन की शुरूआत स्वयं मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने गृह ग्राम बगिया से की थी।

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