पेट काटकर जंगल को कब्जा करने के मामले में 48 ग्रामीणों को भेजा गया जेल। वन विभाग की अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही। देखिए Video……
पेट काटकर जंगल को कब्जा करने के मामले में 48 ग्रामीणों को भेजा गया जेल।
वन विभाग की अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही।
वन भूमि पर कब्जा करने के लिए जंगल को पहुंचा रहे थे नुकसान।
बागबाहरा। बागबाहरा विकासखंड अंतर्गत आने वाले फुलझर के कुछ ग्रामीणों के द्वारा वन्य भूमि पर कब्जा करने के उद्देश्य से बहुमूल्य पेड़ों को क्षति पहुंचाने के मामले में वन विभाग ने 48 ग्रामीणों के खिलाफ कार्यवाही की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वन विभाग की टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 155 परिसर आमाकोनी में ग्राम फुलझर के कुछ लोगों के द्वारा सामुहिक रूप से अतिक्रमण करने का प्रयास किया जा रहा है।
प्राप्त सूचना के आधार पर डी एफ ओ महासमुंद पंकज राजपूत निर्देशन एवं उपवनमंडलाधिकारी महासमुंद के मार्गदर्शन तथा विकास चन्द्राकर परिक्षेत्र अधिकारी बागबाहरा के नेतृत्व में वन अमले एवं पुलिस विभाग की संयुक्त टीम बनाकर उल्लेखित क्षेत्र में पहुंचकर की गई।
जिसके बाद पता चला कि ग्राम फुलझर के आरोपीगण उदेराम पिता जनकराम जाति खैरवार एवं अन्य 47 ग्रामीण व्यक्तियों द्वारा एक राय होकर टुकड़े-टुकड़े कुल 7.000 हे. आरक्षित वन भूमि को कब्जा करने उद्देश्य से अवैध रूप से प्रवेश कर अतिक्रमण करते हुए वनभूमि पर स्थित बेसकीमती ईमारती लकड़ी एवं पौधे को क्षति पहुंचाते हुए काटा गया है तथा मुनारा को नष्ट कर दिया गया है।साथ ही अपने-अपने अतिक्रमित भूमि पर मेढ़ भी बना लिये है।
जांच में यह भी पाया गया कि लगभग 50-50 डिसमिल जमीन को अवैध रूप से अतिक्रमण कर उस पर लगे कीमती ईमारती व अन्य प्रजाति के लकड़ी एवं पौधे को टंगिया एवं फावड़े से काटकर नष्ट कर दिये तथा छोटे छोटे पौधों की सफाई करने के नियत से उस पर आग लगाकर पूर्णतः नष्ट कर दिये है।
जिस पर तुरंत वही पंचनामा तैयार करते हुए प्रथम दृष्टया आरोपीगण के विरुद्ध वन अपराध धारा 26 (क) 33 भारतीय वन अधिनियम 1927 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 (1) 755 (1) (2) के तहत आवश्यक कार्यवाही करते हुए सभी 48 आरोपीगण को दिनांक 16.10.2022 को माननीय न्यायालय महासमुन्द न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी महासमुन्द के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उक्त सभी आरोपीगण को दिनांक 29.10.2022 तक के लिए न्यायिक रिमाण्ड पर महासमुन्द जेल भेज दिया गया है।
उक्त कार्यवाही में भरतलाल साहू सहायक परिक्षेत्र अधिकारी आमाकोनी, नरेन्द्र चन्द्राकर खल्लारी, मोतीलाल साहू सहायक परिक्षेत्र अधिकारी बागबाहरा,सहायक परिक्षेत्र अधिकारी मनोज यादव सहायक परिक्षेत्र अधिकारी कोमाखान, रामपुरी गोश्वामी वनपाल, अमित दीवान वनरक्षक, कमलनारायण यादव वनरक्षक, चुकेश्वर ध्रुव वनरक्षक, लोकेन्द्र आवड़े वनरक्षक, ललितकुमार यादव वनरक्षक, कविता ठाकुर वनरक्षक, ऋतु सामंतराय वनरक्षक का विशेष
योगदान रहा।