पनिका मानिकपुरी समाज के गुरु मंहत और दिवानों का किया गया सम्मान
बसना ।बसना विकासखंड के ग्राम चनाट में पूज्य पनिका मानिकपुरी समाज बसना का विकासखंड स्तरीय मंहत और दिवानों सम्मान समारोह का आयोजन पूज्य पनिका मानिकपुरी समाज महासमुंद के जिलाध्यक्ष सेवकदास दिवान के मुख्य आतिथ्य और पूज्य पनिका मानिकपुरी समाज प्रखंड बसना के अध्यक्ष मलिनदास के अध्यक्षता में आयोजित की गयी। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष सेवकदास दिवान ने पनका मानिकपुरी समाज के मंहत और दिवानों को समाज का प्रबुद्ध जन और अग्रणी गुरु बताते हुये कबीरदास के सच्चे अनुवाई कहा और आगे कहा कि मंहत और दिवानों के बिना मानिकपुरी समाज में कोई भी कार्य संपन्न नही हो सकता चाहे वह पुत्र प्राप्ति, विवाह से मरणोपरांत दशकर्म कार्यक्रम और कोई भी सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आज कबीरपंथ में मंहत और दिवानों की गतिविधियों और सांस्कृतिक क्रियाकलापों से अन्य समाजो में भी
पनका मानिकपुरी समाज की अलग पहचान हैं। मंहत और दिवानों के माध्यम से सतगुरु कबीरदास जी के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाते हुये समाज मे फैली सामाजिक बुराईयों, आपसी मतभेदों को मिटाया जा सकता हैं। बसना प्रखंड अध्यक्ष मलिनदास ने कहा कि मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य अपने आप को दुखो से मुक्त करना है। सद्गुरु के शरण में जाते है पीड़ा लेकर तो गुरु का उपदेश प्राप्त होता है। हमारा जीवन निर्मल है। जब जीवन पूर्णता की ओर बढ़ता है तो मन निर्मल होता है तो अंत कण में भाव जगता है। सद्गुरु कबीर दास देश के महान संत रहें है। जिन्होंने ऊंच नीच, भेद-भाव, छुआछूत व धर्म के विभेद को दूर कर विश्व को मानवता का संदेश दिया। जिससे समाज में प्रेम सौहार्द, भाईचारे को फैलाया जा सके। उन्होंने मानव धर्म को सबसे बड़ा धर्म बताया। प्रेम व आपसी मेल मिलाप से कुछ भी हासिल करना मुमकिन है। कबीर के विचारों को महंत और दीवानों माध्यम से आत्मसात किया जा सकता हैं। कार्यक्रम में बसना विकासखंड के 38 महंत और दीवानों को शाल, श्रीफल और टोपी देकर सम्मानित किया गया। आगामी दिनों बसना विकासखंड के सभी ग्रामों में भ्रमण कर कबीर के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लेते हुये सामाजिक एकता हेतु कार्य करने करने का शपथ लिया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मानिकपुरी सामाजिक जनों की उपस्थिति रही।