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ब्रम्हाकुमारी मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती की 57वी पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया

छुरा :-  ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की खड़मा सेवा केंद्र पर संस्था के प्रथम मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती की 57 वीं पुण्य स्मृति दिवस आध्यात्मिक ज्ञान दिवस के रूप में मनाया गया। सेवा केंद्र की प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी अंशु बहन ने कहा कि मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती  ज्ञान योग,धारणा पवित्रता की प्रतिमूर्ति थी। विपरीत परिस्थितियों में सदा अभय और पर्वत सम अडोल रहती थी। कोई उनके समीप जाते अपने को शक्तिशाली अनुभव किया करते थे।   उनका जन्म 1919 में अमृतसर पंजाब में पिता पोकर दास और माता रोचा के घर में हुआ। पिता के मृत्यु के बाद वह हैदराबाद में आ गई,जहां दादा लेखराज का सत्संग चलता था। विशाल बुद्धि और विलक्षण व्यक्तित्व के कारण मम्मा सत्संग में चलने वाली ज्ञान कि गहराई से समझने व उसका विश्लेषण कर सभी को समझाती थी।    उसके बचपन का नाम ओम राधे थी। मम्मा बचपन से ही अदभुत प्रतिभा की धनी रही। वे सर्वगुण संपन्न व वात्सल्य की प्रतिमूर्ति थी। संस्था की सम्पूर्ण कार्य भार दादा लेखराज ने मम्मा के हाथो में दिए थे जहां  से मम्मा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आध्यात्मिक संस्थान का प्रथम मुख्य प्रशाशिका बनी जिन्होंने अपने जीवन की त्याग, तपस्या, के बल से इस 165 देसो में फैली विशाल संस्था कि नीव रखी । 
वहीं मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती के स्मृति दिवस के  अवसर पर सेवा केंद्र खडमा की वरिष्ठ वयोवृद्ध महिला जलवनतिं माता एवं सड़क सुरक्षा मोटर साइकिल यात्रा के दौरान दुर्घटना  में  शहीद हुए दो ब्रह्माकुमार नरेंद्र भाई व  ईश्वर भाई को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई तत्पश्चात्  सभी को ब्रह्माभोजन कराया गया। कार्यक्रम में ब्रम्हाकुमारी चंद्रिका बहन, लता बहन , दिगेश्चरी बहन  यादराम भाई ,अघन सिंग भाई,  शांति माता, राधिका माता ,कमला माता, श्रीमती चंद्राकर माता, गौरी माता  हेमलाल भाई सज्जन भाई  उमेंद चंद्राकर किशोर ,तेजस्वी भाई ,तिहार सिंग,अलख राम भाई सहित , मडेली,कोरसी,गायदबारी, पिपरछेडी , करचली से संस्था के सदस्यगण  उपस्थित रहे।

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