
छुरा: गहराता भूजल संकट, अवैध बोरिंग पर ढीली पकड़ से जनता में नाराज़गी
छुरा । क्षेत्र में भूजल दोहन को रोकने के लिए बनाए गए नियम-कायदों के बावजूद, बोरिंग माफिया बेखौफ होकर रात के अंधेरे में अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। जलकीपानी गांव में अवैध बोरिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग होने के बाद भी अब तक ठोस कार्रवाई न होने से स्थानीय लोग असंतुष्ट हैं।
कुछ समय पूर्व एक पत्रकार ने अवैध बोरिंग की पुख्ता रिकॉर्डिंग तहसील कार्यालय को सौंपी थी, लेकिन उसके बावजूद जो कदम उठाए गए हैं, वे महज औपचारिक प्रतीत हो रहे हैं।
प्रशासनिक निष्क्रियता बनी सवालों के घेरे में
जनता के मन में सवाल उठने लगे हैं कि जब सबूत मौजूद हैं तो दोषियों पर कार्रवाई क्यों टाली जा रही है? सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह न सिर्फ जल संरक्षण के प्रयासों को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि प्रशासनिक ढांचे की साख को भी कमजोर कर रहा है।
नई जिम्मेदारी, नई उम्मीदें
जिले में हाल ही में नए कलेक्टर की तैनाती हुई है, जिससे आम नागरिकों में न्याय की उम्मीद फिर से जागी है। लोगों को भरोसा है कि वे पुराने लंबित मामलों की पुनः जांच कर आवश्यक कदम उठाएंगे और दोषियों पर शिकंजा कसेंगे।
स्थानीय प्रभावशाली लोग सवालों के घेरे में
स्थानीय जानकारों की मानें तो अवैध बोरिंग की गतिविधियों में कुछ प्रभावशाली लोगों का हाथ हो सकता है। प्रशासनिक उदासीनता के पीछे भी इन्हीं शक्तियों का दबाव होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
जल संकट की चेतावनी
जल विशेषज्ञों ने चेताया है कि इस तरह के अवैध बोरिंग से क्षेत्र का भूजल स्तर गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है, जिससे आने वाले वर्षों में सिंचाई और पीने के पानी की भारी किल्लत सामने आ सकती है।
तहसील प्रशासन की प्रतिक्रिया
जब इस विषय में तहसीलदार रमेश मेहता से जानकारी ली गई, तो उन्होंने बताया:
“प्राप्त वीडियो पर कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। पंचनामा बनाकर पूरा विवरण एसडीएम कार्यालय भेज दिया गया है। आगे की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी और नए मामलों में सख्ती बरती जाएगी।”