
धमतरी : नेता जी की गाड़ी न डगमगाए इसलिए गड्ढों पर लीपापोती – जनता रोज़ गिरती रही बेखबर प्रशासन!
नेता जी कहीं नाराज न हो जाएं जर्जर रोड देखकर। राज्योत्सव से पहले धमतरी प्रशासन की नींद टूटी – आनन फानन में रोड के गड्ढों पर लीपापोती


धमतरी। लगता है धमतरी शहर की सड़कों को सुधारने की प्रेरणा केवल तब मिलती है जब कोई नेता जी शहर में कदम रखने वाले हों। आम जनता महीनों तक धूल, कीचड़ और गड्ढों में अपनी हिम्मत आजमाती रहती है, लेकिन जैसे ही किसी वीआईपी की गाड़ी उसी रास्ते से गुजरने वाली होती है, प्रशासन के पहिए अचानक घूमने लगते हैं। कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों विंध्यवासिनी वार्ड, रामपुर वार्ड से लगे परेड ग्राउंड बालक स्कूल मार्ग पर देखा जा रहा है।
यह वही मार्ग है जिसकी स्थिति पिछले कई महीनों से बेहद दयनीय बनी हुई थी। सड़क जगह-जगह से उखड़ी हुई, गड्ढे मानो पोखर बन चुके थे।

स्थानीय नागरिक कई बार शिकायत कर चुके थे, लेकिन नगर निगम प्रशासन ने हर बार खामोशी ओढ़ ली। नतीजा यह कि रोजमर्रा का सफर किसी मुसीबत से कम नहीं रहा। बारिश के मौसम में तो यहां से गुजरना लोगों के लिए जान जोखिम में डालने जैसा था।

लेकिन जैसे ही राज्योत्सव के कार्यक्रम की तैयारी शुरू हुई और परेड ग्राउंड के इस मार्ग से नेतागण के गुजरने की संभावना बनी, वैसे ही प्रशासन हरकत में आ गया। आनन फानन में सड़क पर रोलर मशीन उतारी गई, गड्ढों को लेबल किया जा रहा है, ताकि नेता जी को कहीं झटका न लग जाए। सवाल यह उठता है कि जनता की परेशानी क्या नेताओं की उपस्थिति से कम महत्वपूर्ण है।
राज्योत्सव की चमक में छिपाई जा रही सड़क की सच्चाई
1 नवंबर से परेड ग्राउंड और गर्वमेन्ट बालक स्कूल में राज्योत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी आयोजन को सुचारु दिखाने के लिए प्रशासन अब जर्जर सड़कों की मरम्मत का दिखावा कर रहा है। काम की गुणवत्ता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस सड़क की मरम्मत महीनों पहले होनी चाहिए थी, उसे अब सिर्फ ऊपर से पॉलिश किया जा रहा है। गड्ढों में मिट्टी डालकर रोलर चला देना क्या विकास कहलाता है या सिर्फ दिखावा।
जनता का सवाल – क्या सड़कें सिर्फ वीआईपी के लिए बनती हैं?
धमतरी की जनता अब यह सवाल पूछ रही है कि आखिर शहर की सड़कें जनता के लिए बनती हैं या सिर्फ वीआईपी रूट के लिए। सिहावा नगरी रोड हो या शहर का अन्य कोई प्रमुख मार्ग, हर जगह हालात कमोबेश एक जैसे हैं। जनता गिरती है, घायल होती है, लेकिन जब तक नेता जी का काफिला न गुजरे, तब तक किसी अधिकारी की नजर तक नहीं पड़ती।
‘गोलमाल है भई सब गोलमाल है’ – द हॉकर न्यूज की रिपोर्ट पर हिला प्रशासन



ध्यान देने योग्य है कि इसी मार्ग की दुर्दशा को लेकर द हॉकर न्यूज ने पहले ही अपनी रिपोर्ट में नगर निगम को आईना दिखाया था। रिपोर्ट में सड़कों की बदहाली और प्रशासन की लापरवाही को प्रमुखता से उजागर किया गया था। वही रिपोर्ट अब सच साबित हो रही है, क्योंकि प्रशासन अब उसी सड़क पर ‘इमेज पॉलिश’ में जुट गया है।
जनता के पैसों से हो रहा दिखावे का विकास
राज्योत्सव के मंच पर भले ही विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाएंगे, लेकिन हकीकत यही है कि धमतरी की सड़कें अब भी विकास की प्रतीक्षा में हैं। जनता टैक्स देती है, उम्मीद करती है कि उसे सुरक्षित और सुगम सड़क मिले, लेकिन प्रशासन का ध्यान तब ही जाता है जब किसी बड़े कार्यक्रम या नेता की आमद होती है।
धमतरी की जनता अब यह कहने पर मजबूर है –
“यहां जनता से रिश्ता बस दिखावा, गड्ढों में विकास का चेहरा छिपा हुआ है।”





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