
महासमुंद प्रवास पर पूर्व उपमुख्यमंत्री का बड़ा बयान, संगठन की मजबूती पर दिया जोर…
कांग्रेस की हार का एक कारण घोषणा पत्र का अधूरा वादा – टी.एस. सिंहदेव
महासमुंद, 1 सितम्बर।
छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने माना कि कांग्रेस की चुनावी हार में घोषणा पत्र का अधूरा वादा भी एक बड़ा कारण रहा। उन्होंने कहा कि नियमितिकरण संबंधी घोषणा को पूरा न कर पाना पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हुआ।
महासमुंद प्रवास के दौरान राजीव भवन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिंहदेव ने कहा कि इससे पहले कांग्रेस सरकार ने पाँच वर्ष तक किसानों, आम नागरिकों सहित हर वर्ग के लिए काम किया। बावजूद इसके, इस बार सरकार बनाने में सफलता नहीं मिल पाई। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब आगामी चुनाव को लक्ष्य बनाकर एकजुट होकर संगठन से लेकर बूथ स्तर तक मजबूती से काम करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, “मेरे राजनीतिक जीवन का अब एकमात्र लक्ष्य है कि अगले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने और लोकसभा में अधिक से अधिक सीट जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर भी कांग्रेस अपनी भूमिका निभाए।”
सिंहदेव ने कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि भाजपा सरकार की नीतियाँ आम जनता के हित में नहीं हैं और बाहर से उद्योगपतियों को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति प्रदेश के संसाधनों पर प्रतिकूल असर डाल रही है। उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी को कमजोर समझकर नहीं चलना चाहिए, बल्कि संगठन की मजबूती ही जीत की कुंजी है।
सभा के बाद सिंहदेव एएनएम कर्मचारियों से भी मिले और उनके समर्थन में अपना वक्तव्य दिया।
विशेष टिप्पणी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टी.एस. सिंहदेव का यह बयान इस बात का संकेत है कि पार्टी अपनी पिछली हार से सबक लेने की कोशिश कर रही है। चुनावी राजनीति में जनता से किए गए वादों को पूरा करना केवल राजनीतिक नैतिकता नहीं बल्कि विश्वास की बुनियाद भी है।
छत्तीसगढ़ में नियमितिकरण जैसे मुद्दे सीधे तौर पर लाखों परिवारों की ज़िंदगी से जुड़े रहे हैं, और इस पर अमल न होना कांग्रेस के लिए भारी पड़ा।
अब यदि पार्टी वाकई 2028 के विधानसभा चुनाव और उससे पहले लोकसभा चुनाव में मजबूत वापसी चाहती है तो संगठन की एकजुटता, जमीनी स्तर पर सक्रियता और जनता के विश्वास को पुनः अर्जित करना उसकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
