
सरायपाली में आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत पर सवाल….
सभापति ने निरीक्षण में पाई कई गड़बड़ियाँ
सरायपाली (महासमुंद जिला):
जनपद पंचायत सरायपाली की महिला एवं बाल विकास समिति की सभापति उषा लालकुमार पटेल ने ग्राम पंचायत आंवलाचक्का में संचालित दो आंगनबाड़ी केंद्रों का अचानक दौरा किया। उनके साथ जनपद सदस्य मीना बसंत के प्रतिनिधि अर्जुन बसंत भी निरीक्षण में शामिल रहे।
निरीक्षण के समय दोनों आंगनबाड़ी केंद्रों में नियमित गतिविधियाँ बाधित पाई गईं। दोनों केंद्रों की प्रमुख कार्यकर्ता कई दिनों से अनुपस्थित थीं, और केंद्र सहायिकाओं के भरोसे चल रहा था।
केंद्र ‘ए’ की स्थिति:
पहले केंद्र में सहायिका रेशमा पटेल मौजूद थीं, लेकिन कार्यकर्ता मथुरा पटेल की अनुपस्थिति स्पष्ट रूप से देखी गई। बुलाने पर जब कार्यकर्ता आईं, तो उन्होंने न तो उपस्थिति रजिस्टर दिखाया और न ही पोषण आहार वितरण से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए। उनके जवाब अस्पष्ट और असंतोषजनक थे। केंद्र में उस समय कोई बच्चा नहीं था। सहायिका ने कहा कि बच्चे आकर चले गए, जबकि कार्यकर्ता ने बताया कि कोई आया ही नहीं — दोनों के बयानों में विरोध देखा गया।
केंद्र ‘बी’ की स्थिति:
दूसरे केंद्र में पहुंचने पर केंद्र पूरी तरह से बंद मिला और मुख्य द्वार पर ताला लगा हुआ था। यहां कार्यकर्ता लकेश्वरी तांडी और सहायिका डिग्रीमोती उरांव — दोनों अनुपस्थित पाई गईं।
स्थानीय स्तर पर तैयार किया गया पंचनामा:
सभापति पटेल ने गांव के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की मौजूदगी में केंद्रों की स्थिति पर पंचनामा तैयार कराया। इसमें कर्मचारियों की अनुपस्थिति, योजनाओं के संचालन में लापरवाही और पोषण आहार वितरण में अनियमितता जैसी बातों को दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि इस तरह की स्थिति से बच्चों के पोषण और विकास से जुड़ी सरकारी योजनाएं गंभीर रूप से प्रभावित हो रही हैं।
सभापति ने विभागीय अधिकारियों को इन मामलों में आवश्यक जांच और कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चों से जुड़ी योजनाओं में किसी प्रकार की अनदेखी या लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
