
महासमुंद जिले में आकाशीय बिजली गिरने से ग्रामीण की मौत, मौसम में बारिश और बिजली का कहर जारी….
महासमुंद जिले में आकाशीय बिजली गिरने से ग्रामीण की मौत, मौसम में बारिश और बिजली की तेज गतिविधि जारी
महासमुंद। जिले के पिथौरा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम कोल्दा में गुरुवार को आकाशीय बिजली गिरने की दर्दनाक घटना सामने आई, जिसमें एक ग्रामीण की मौत हो गई। मृतक की पहचान 55 वर्षीय सदानंद चक्रधारी के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि वह अपने घर के समीप महुआ पेड़ के पास खड़ा था, तभी अचानक तेज गरज के साथ बिजली गिरी और उसकी जान चली गई। यह हादसा शाम 4 से 5 बजे के बीच हुआ।
गौरतलब है कि गुरुवार सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए थे और दोपहर के बाद से जिले के कई हिस्सों में तेज आंधी, बारिश और गरज-चमक के साथ मौसम सक्रिय हो गया। विशेष रूप से बागबाहरा और पिथौरा क्षेत्रों में अच्छी बारिश दर्ज की गई है।
आकाशीय बिजली से सुरक्षा के लिए अपनाएं ये जरूरी उपाय
वर्षा ऋतु में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं आम होती हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा के कुछ उपाय अपनाकर जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
घर या ऑफिस में हों तो क्या करें:
- मौसम के बदलाव जैसे आसमान का रंग, तेज हवा और बादलों की आवाज़ पर नजर रखें।
- गड़गड़ाहट सुनाई दे तो सतर्क हो जाएं और घर के भीतर ही रहें।
- मौसम विभाग की चेतावनी पर यात्रा से बचें।
- खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें, बाहर की वस्तुएं सुरक्षित करें।
- बच्चों और पालतू जानवरों को घर के अंदर रखें।
- बिजली के उपकरणों को प्लग से निकाल दें।
क्या न करें:
- आकाशीय बिजली के दौरान शॉवर या नल का पानी न इस्तेमाल करें, क्योंकि धातु पाइपों से बिजली प्रवाहित हो सकती है।
- खिड़की, दरवाजे, स्टोव, फायरप्लेस या किसी भी विद्युत चालक वस्तु से दूरी बनाएं।
- कॉर्डेड फोन और अन्य बिजली से चलने वाले उपकरणों का उपयोग न करें।
यदि आप बाहर यात्रा पर हैं तो:
- साइकिल, मोटरसाइकिल या खेत के वाहनों का प्रयोग न करें।
- सुरक्षित स्थान की ओर जाएं और पेड़ों या बिजली लाइनों से दूरी बनाएं।
- नौका विहार या तैराकी कर रहे हों तो तुरंत बाहर आ जाएं और किसी सुरक्षित स्थान पर शरण लें।
- यदि वाहन में हैं, तो अंदर ही रहें और सभी खिड़कियां बंद रखें, जब तक कि तूफान पूरी तरह न गुजर जाए।
अगर कोई आकाशीय बिजली की चपेट में आ जाए:
- पीड़ित व्यक्ति को तुरंत अस्पताल पहुंचाएं या प्राथमिक चिकित्सा दिलाएं।
- ध्यान रखें, ऐसे व्यक्ति में कोई विद्युत आवेश नहीं होता, उन्हें छूना सुरक्षित होता है।
- जले हुए अंगों, टूटी हड्डियों, सुनने या देखने की क्षमता की जांच कराएं।
- शरीर पर मौजूद चोटों की गहराई से जांच कराएं।
