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छुरा नगर के आसिफ खान ने राष्ट्रीय पंजा कुश्ती प्रतियोगिता में जीता रजत पदक, अब जापान में करेंगे देश का प्रतिनिधित्व


— गरियाबंद। बेंगलुरु में आयोजित 5वीं भारतीय आर्मरेसलिंग नियंत्रण बोर्ड (BCAI) की राष्ट्रीय पंजा कुश्ती प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के छुरा नगर के होनहार खिलाड़ी आसिफ खान ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 86 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक (सिल्वर मेडल) जीतकर न केवल अपने नगर का, बल्कि पूरे राज्य का नाम रौशन कर दिया है।

यह राष्ट्रीय प्रतियोगिता 23 से 25 मई के बीच नेक्सस शांतिनिकेतन मॉल, बेंगलुरु में आयोजित की गई थी, जिसमें देशभर के कई राज्यों से सैकड़ों खिलाड़ी और अधिकारी शामिल हुए थे। कड़े मुकाबलों के बीच आसिफ खान ने उत्कृष्ट जुझारूपन और तकनीकी कौशल का परिचय देते हुए कई राज्यों के दिग्गज खिलाड़ियों को पराजित किया और दूसरा स्थान प्राप्त किया।

अब जापान में दिखाएंगे दमखम

प्रतियोगिता के समापन अवसर पर भारतीय आर्मरेसलिंग नियंत्रण बोर्ड (BCAI) की ओर से यह घोषणा की गई कि इस राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में गोल्ड और सिल्वर पदक विजेताओं को आगामी वर्ल्ड पंजा कुश्ती प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया जाएगा, जो जल्द ही जापान में आयोजित होगी। ऐसे में आसिफ अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने की तैयारी में जुट गए हैं।

संसाधनों की कमी, फिर भी मजबूत इरादा

छुरा नगर के आसिफ खान ने बताया कि अभ्यास के दौरान उन्हें कई उपकरणों की कमी का सामना करना पड़ा, बावजूद इसके उन्होंने कठिन परिश्रम और लगन से यह मुकाम हासिल किया। आसिफ ने कहा,

“यदि उचित प्रशिक्षण सुविधाएं और उपकरण उपलब्ध हों, तो छुरा नगर और गरियाबंद जिले से विजेताओं की लंबी कतार लग सकती है।”

उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन से अपील की कि जिले में खेल संसाधनों और मार्गदर्शन को सशक्त किया जाए ताकि स्थानीय प्रतिभाएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी छवि बना सकें।

छत्तीसगढ़ से 40 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ राज्य से 40 खिलाड़ियों और अधिकारियों ने भाग लिया। सभी ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और राज्य का नाम रोशन किया। शुभम महाशस्ञकर, सूरज रेड्डी, विशू प्रधान और लक्की प्रधान जैसे अधिकारी भी टीम के साथ बेंगलुरु में मौजूद थे, जिन्होंने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया।

आसिफ खान ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरु, परिवार, जिममेट्स, मित्रों और छुरा नगरवासियों को देते हुए कहा,

“मेरे सर, मेरे माता-पिता और छुरा नगर के लोगों ने मुझे हमेशा प्रेरित किया। उनके समर्थन और आशीर्वाद के बिना यह संभव नहीं होता। मैं सभी खिलाड़ियों और समर्थकों का दिल से आभार प्रकट करता हूँ।”


छुरा नगर जैसे छोटे कस्बों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकते सितारे निकल रहे हैं। जरूरत है तो बस उचित संसाधनों और सकारात्मक दिशा की। सरकार और खेल विभाग यदि समय रहते ध्यान दें, तो छत्तीसगढ़ को जल्द ही एक नया स्पोर्ट्स हब बनाया जा सकता है।

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