
छत्तीसगढ़ कैबिनेट के बड़े फैसले: शिक्षा, रोजगार, खेल और उद्योगों को मिली नई दिशा
रायपुर।मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। यह बैठक छत्तीसगढ़ के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए शिक्षा, युवाओं के कौशल विकास, पारंपरिक व आधुनिक उद्योगों, और सांस्कृतिक क्षेत्र के उत्थान पर केंद्रित रही।
स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार के लिए विशेष अभियान
राज्य सरकार ने “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के अंतर्गत शासकीय विद्यालयों की शैक्षणिक स्थिति को सुधारने के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें:
- विद्यालयों की सामाजिक ऑडिटिंग कर गुणवत्ता के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी।
- कमजोर स्कूलों की निगरानी के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारी और जनप्रतिनिधि नियमित रूप से निगरानी करेंगे।
- शिक्षक भ्रमण कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को मॉडल स्कूलों में भेजा जाएगा ताकि वे अच्छी शिक्षण पद्धतियाँ सीख सकें।
- पालक-शिक्षक बैठकें (PTM) नियमित रूप से आयोजित कर अभिभावकों की सहभागिता को बढ़ावा मिलेगा।
- कक्षा शिक्षण में नवाचार और तकनीकी सुधार के माध्यम से विद्यार्थियों की उपलब्धियों में वृद्धि की जाएगी।
साहित्य और कला क्षेत्र को मिली आर्थिक राहत
राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर साहित्यकारों और कलाकारों को दी जाने वाली मासिक सहायता राशि को बढ़ाकर ₹5000 कर दिया है। यह राशि पहले ₹2000 थी। इस संशोधन से वर्तमान 162 कलाकारों को वार्षिक ₹60,000 की मदद मिलेगी और कुल व्यय ₹97.20 लाख तक पहुंचेगा। इससे पहले यह योजना वर्ष 1986 में शुरू हुई थी और अंतिम संशोधन 2012 में हुआ था।
उद्योग और निवेश के लिए नई नीति
राज्य में उद्योगों के लिए भूमि आबंटन को पारदर्शी बनाने के लिए 2015 के नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही नई औद्योगिक नीति 2024-30 को रोजगार, तकनीकी उन्नयन और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए नया रूप दिया गया है। प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:
- स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता: जिन उद्योगों में राज्य के लोगों को नौकरी दी जाएगी, उन्हें सरकारी अनुदान मिलेगा।
- आधुनिक खेती का विस्तार: हाइड्रोपोनिक और ऐयरोपोनिक तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा।
- खेल प्रशिक्षण सुविधाओं का विकास: राज्य में खेल अकादमी और निजी प्रशिक्षण संस्थानों को प्रोत्साहन मिलेगा।
- उच्च शिक्षा में सुधार: उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों की स्थापना को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- ऑटोमोबाइल सेवाओं को मान्यता: सभी विकासखंड समूहों में ऑटो रिपेयर और सर्विस सेंटर को वैध माना जाएगा।
- पर्यटन को बढ़ावा: बस्तर और सरगुजा में होटल व रिसॉर्ट निर्माण के लिए निवेश की न्यूनतम सीमा कम की गई है।
- कपड़ा उद्योग को बढ़ावा: टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश पर 200% तक का प्रोत्साहन मिलेगा।
- लॉजिस्टिक नेटवर्क का विस्तार: नई लॉजिस्टिक नीति से व्यापारियों को सुगमता और बाजारों तक बेहतर पहुंच मिलेगी।
- दिव्यांगजनों को व्यापक लाभ: उनकी परिभाषा को पुनः परिभाषित कर योजनाओं में बेहतर समावेशन सुनिश्चित किया जाएगा।
- नवीन औद्योगिक पहल: रक्षा, एयरोस्पेस, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, और निजी औद्योगिक पार्कों के लिए विशेष पैकेज और अनुदान दिए जाएंगे।
- शिक्षा और शहरी सुविधा के लिए थ्रस्ट सेक्टर में प्रोत्साहन: सीबीएसई मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों और मल्टीप्लेक्स युक्त मिनी मॉल को विशेष क्षेत्र में शामिल कर शुरुआती तीन इकाइयों को विशेष दर्जा दिया जाएगा।
