
छत्तीसगढ़ में शुरू होगी मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना।
ग्रामीण परिवहन को मिलेगी नई रफ्तार, छत्तीसगढ़ में शुरू होगी मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों, खासकर दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अब सफर करना आसान होने जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार ने एक नई योजना की घोषणा की है – मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना, जो गांवों को शहरों से जोड़ेगी और लोगों की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाएगी।
महानदी मंत्रालय भवन में आयोजित मंत्रीपरिषद की बैठक में इस योजना को हरी झंडी मिल गई। खुद मुख्यमंत्री ने इसे “ग्रामीण जनता को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की क्रांतिकारी पहल” बताया। इस योजना का मकसद है कि ग्रामीण नागरिकों को सुरक्षित, सुगम और किफायती परिवहन सुविधा मिले।
किन लोगों को मिलेगा लाभ?
इस योजना में खास बात यह है कि समाज के सबसे कमजोर और जरूरतमंद वर्गों को विशेष राहत दी गई है। दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से असमर्थ लोग, 80 साल या उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग, और एड्स से पीड़ित व्यक्ति को एक परिचारक के साथ मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलेगी। वहीं, नक्सल प्रभावित लोगों को आधा किराया देना होगा।
कौन चला पाएंगे बसें?
18 से 42 सीटों वाले हल्के और मध्यम श्रेणी के वाहन इस योजना के अंतर्गत संचालित होंगे। इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर नई ग्रामीण बस रूट की पहचान की जाएगी। बसें चलाने का अधिकार छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासियों को मिलेगा, और अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाएं और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोग इसमें प्राथमिकता पाएंगे। लाभार्थियों का चयन निविदा (टेंडर) प्रक्रिया के जरिए होगा।
आर्थिक प्रोत्साहन भी मिलेगा
इस योजना के तहत बस मालिकों को तीन वर्षों के लिए मासिक कर (रोड टैक्स) में पूरी छूट दी जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा प्रति किलोमीटर के हिसाब से वित्तीय सहायता भी दी जाएगी—पहले वर्ष 26 रुपए, दूसरे वर्ष 24 रुपए और तीसरे वर्ष 22 रुपए प्रति किलोमीटर।
कहां-कहां चलेगी बस?
योजना के पहले चरण में राज्य के लगभग 100 चिन्हित ग्रामीण मार्गों पर बसें चलाई जाएंगी। इसके लिए सरकार ने 25 करोड़ रुपये का बजट तय किया है।
किसे होगा फायदा?
इस योजना से किसान, मजदूर, छात्र, छोटे व्यापारी और आम ग्रामीण नागरिकों को तहसील, जनपद और जिला मुख्यालय तक आसानी से पहुंचने की सुविधा मिलेगी। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार के अवसरों तक उनकी पहुंच बेहतर होगी।
छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल न सिर्फ परिवहन को सुलभ बनाएगी, बल्कि सामाजिक समावेश और ग्रामीण विकास की दिशा में एक मजबूत कदम भी साबित होगी।