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किसानों की बिजली बिल के लाखों रुपये लेकर ऑपरेटर के फरार होने की पुरी कहानी …..

ऑपरेटर के खिलाफ अभी तक दर्ज नहीं हो पाई है FIR

ऑपरेटर के खिलाफ अभी तक दर्ज नहीं हो पाई है FIR

कोमाखान.(ग्रामीण) महासमुंद जिले के पूर्वी अंतिम छोर में स्थित कोमाखान क्षेत्र के 400 से अधिक किसानों के बिजली बिल की लगभग 8 लाख 40 हजार रुपये की राशि लेकर सीएससी पे पॉइंट ऑपरेटर फरार हो गया है जिसके चलते उपभोक्ता अच्छे खासे परेशान नजर आ रहे हैं.

 बता दें कि कोमाखान तहसील में स्थित बिजली दफ्तर में बैठ कर बिल की राशि संग्रहण करने वाले ओपरेटर के द्वारा किसानों और नागरिकों के बिजली बिल की लाखों रुपए गटकने का मामला सामने आ रहा है जिसमें दफ्तर में बैठे बिजली ऑपरेटर ने बिजली बिल की रसीद तो लोगों को दे दिए लेकिन पैसे को विद्युत विभाग के खाते में जमा करने के बजाय खुद घटक कर रफुचक्कर हो गया है .

ऐसे हुआ घपले का खुलासा….

जब किसानों के पास उक्त बिजली बिल की राशि पुनः उनके बिजली बिल में जुड़कर पहुंची तो किसान बिजली बिल लेकर विद्युत विभाग पहुंचने लगे और तब जाकर इस मामले का खुलासा हुआ है और अभी तक लगभग 400 से अधिक किसानों के बिजली बिल की लगभग 8 लाख 40 हजार रुपये राशि के गबन हो जाने की बात कही जा रही है.

1 माह से भी अधिक का समय बीतने के बाद भी नहीं दर्ज हुई है एफ आई आर….

बता दे किसानों की लगातार शिकायत करने के बाद जब विद्युत विभाग ने इसकी शिकायत पुलिस से की तो उस समय तक लगभग केवल 2 लाख के गबन का पता चला था लेकिन वर्तमान में शिकायत किए1 माह से अधिक समय बीत चुका है और वह राशि दो लाख से बढ़कर 8 लाख को पार कर चुकी है.

कॉमन सर्विस सेंटर पे पॉइंट की आईडी के आधार पर युवक कर रहा था बिजली बिल की वसूली….

 प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त ऑपरेटर का नाम राकेश रात्रे है और वह रायपुर जिले के अभनपुर का निवासी है.तथा वह  सीएससी पे पॉइंट के आईडी के साथ यह कार्य कर रहा था. जिन्हें कोमाखान सर्किल के बिजली ऑफिस में बिजली बिल जमा करने के लिए टेबल कुर्सी देकर बाकायदा काउंटर पर बिठाया गया था और जिसके द्वारा सितंबर अक्टूबर 2022 की राशि को विभाग के खाते में  जमा ना करते हुए खुद लेकर फरार होने की बात कही जा रही है. विभागीय जानकारी के अनुसार समाचार लिखे जाने तक 400 से अधिक किसानों के बिजली बिल की लगभग 8 लाख 40 हजार रुपये राशि का पता चला है यह भी उन उपभोक्ताओं व किसानों  की राशि है जो शिकायत करने पहुंचे हैं. जबकि अभी बहुत सारे लोगों की शिकायतें प्राप्त नहीं हो पाने की बात भी दबी जबान में कहीं जा रही है.

आइए जानते हैं कैसे शुरू हुआ गबन का खेल…

विद्युत विभाग के कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार उक्त ऑपरेटर राकेश शुरू में बड़ी ईमानदारी से काम करता था और विद्युत विभाग के कर्मचारियों के साथ भी उसके बड़े मधुर संबंध थे और शुरू में वह प्रत्येक बिजली बिल की ई रसीद उपभोक्ताओं को देते हुए अपना भरोसा जीतने में लगा हुआ था. धीरे-धीरे विद्युत विभाग के अधिकारी – कर्मचारियों  का भी उस पर भरोसा बढ़ने लगा और वह उस ओर से थोड़े उदासीन हो गए. क्योंकि उन्हें लगा कि यह ऑपरेटर अच्छे से काम कर रहा है लेकिन कहते हैं ना ज्यादा पैसा देखकर कई लोगों की नियत खराब हो जाती है और वही हुआ राकेश के साथ.

जब उसने देखा कि विद्युत विभाग के अधिकारी बिजली बिल के मामले में अधिक ध्यान नहीं दे रहे हैं तो राकेश ने फिर अपना खेल रचना शुरू किया सबसे पहले जब नेटवर्क प्रॉब्लम आई और ऑनलाइन रसीद व उपभोक्ताओं को प्रदान नहीं कर पा रहा था. तो उसने जब अधिकारियों से इस विषय में चर्चा की तो अधिकारियों के द्वारा उसे सील लगाकर बिल जमा करने की सुविधा दे दी गई लेकिन राकेश की सुविधा का फायदा उठाया और बार-बार सर्वर चले जाने और नेटवर्क नहीं मिल पाने की बात कहने लगा जिससे वह केवल सील लगाकर बिना रसीद दिए लोगों के बिल जमा करने लगा और यही राकेश को मौका मिला पैसा गबन करने का और लगभग अभी तक प्राप्त शिकायतों के आधार पर केवल कोमाखान से वह 400 से अधिक किसानों के बिजली बिल की लगभग 8 लाख 40 हजार रुपये से अधिक की राशि लेकर फरार हो चुका है. जब की बात करें जिले के अन्य केंद्रों की तो राकेश के द्वारा झलप एवं पटेवा के एक सेंटर में से 704 उपभोक्ताओं के लगभग ₹700000 तथा दूसरे में से 112 उपभोक्ताओं के लगभग 91 हजार रुपए की हेराफेरी की बात सामने आ रही है.

गबन की बात सुनने के बाद धीरे-धीरे बिजली ऑफिस पहुंच रहे हैं ग्रामीण…

 हालांकि जैसे-जैसे किसानों नागरिक बढ़े हुए बिजली बिल को लेकर ऑफिस पहुंच रहे हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इससे भी अधिक की राशि उक्त ऑपरेटर के द्वारा हड़प ली गई होगी. इस मामले में कोमाखान विद्युत कार्यालय के सहायक यंत्री ने बताया कि इसकी जानकारी जैसे ही विभाग को लगी हमारे द्वारा कोमाखान पुलिस को इस मामले में लिखित सूचना दे दी गई है और ऑपरेटर के खिलाफ एफ आई आर करने का निवेदन किया गया है. ताकि गबन की राशि की वसूली ततकाल हो सके.

जिस समय हमने शिकायत कि उस समय तक केवल ₹200000 की राशि का पता चला था लेकिन अब यह राशि ₹600000 से अधिक तक पहुंच चुकी है.

एक नहीं 3-3 जगह ऑपरेटर ने की अमानत में खयानत…

बता दे ऑपरेटर राकेश रात्रे के द्वारा सीएससी पे पॉइंट के माध्यम से बिजली ऑफिस के दफ्तर में बैठ कर जिले में 3 स्थानों पर बिजली बिल कलेक्शन का कार्य किया जा रहा था. जिसमें बागबाहरा कोमाखान झलप और पटेवा में बागबाहरा में उसकी कार्यशैली को देखते हुए उसे कार्य से पृथक कर दिया गया था लेकिन झलक पटेवा में अपने अन्य कर्मचारियों को लगाकर उसके द्वारा बिजली बिल वसूली का कार्य किया जा रहा था और तीनों जगह पर इस प्रकार किसानों की बिजली बिल की राशि को लेकर फरार होने की बात सामने आ रही है.

क्या है सीएससी पे पॉइंट पर बिजली बिल जमा कराने के नियम

 प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्युत विभाग के द्वारा अपने कर्मचारियों की कमी को देखते हुए उक्त कार्य सीएससी पर पॉइंट के माध्यम से कराया जाना सुनिश्चित किया गया था और उपभोक्ताओं से भी अनुरोध किया गया था कि विद्युत देखो और बिजली बिल का भुगतान अपने घर या दुकान के नजदीक स्थित सीएससी सेंटर में कराएं लेकिन उसके लिए कुछ गाइड लाइन विद्युत विभाग के द्वारा जारी की गई थी जिसके पोस्टर अभी बिजली विभाग के कार्यालय में लगे हुए हैं इसमें लिखा था कि बिजली बिल का भुगतान पूरी तरह से निशुल्क है इसमें किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क आपको सीएसपी प्वाइंट ऑपरेटर को नहीं देना है साथ ही उपभोक्ताओं से विद्युत विभाग में निवेदन किया था कि प्राप्त रसीद की सत्यता की जांच के लिए इसके माध्यम से रसीद वेरीफाई करने का निवेदन किया गया था. साथ ही ऑपरेटर को उपभोक्ता को रसीद प्रदान करने विद्युत विभाग के द्वारा कही गई थी.

जैसे ही इस मामले की जानकारी हमें लगी हमने इसकी सूचना तत्काल कोमाखान पुलिस को दे दी है और ऑपरेटर के खिलाफ f.i.r. करने का निवेदन भी किया है ताकि गबन की गई राशि की वसूली तत्काल हो सके जिस समय विद्युत विभाग के द्वारा शिकायत की गई उस समय तक केवल ₹200000 की राशि के गबन का पता चला था लेकिन अब वह राशि लगभग 400 से अधिक किसानों की ₹800000 के आंकड़े को पार कर चुकी है। अभिषेक शर्मा , सहायक अभियंता

वर्तमान में मैं अभी बागबाहरा अनुविभाग के प्रभार पर हूं थाना प्रभारी कोमाखान के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार उक्त मामले की शिकायत मिलते ही इस विषय में विधिक सलाह के लिए डी.पी.ओ. कार्यालय पत्र प्रेषित किया जा चुका है । क्योंकि यह जनहित और सामान्य जनता के धनराशि का मामला है तो मामले को ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग इस पर शीघ्र अतिशीघ्र कार्यवाही के लिए तत्पर है। और जैसे ही डीपीओ से सलाह प्राप्त होती है हमारे विभाग के द्वारा कार्यवाही की जाएगी।

राजेश देवांगन, प्रभारी एसडीओपी – बागबाहरा

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