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भालू के हमले से युवक घायल, पेड़ पर चढ़कर बचाई जान …..

वन विभाग ने की प्राथमिक सहायता

सरायपाली (छत्तीसगढ़) – तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य क्षेत्र में 6 मई से जारी है, लेकिन जंगलों में प्रवेश करते ग्रामीणों को अब वन्यजीवों से खतरा महसूस होने लगा है। बीते एक सप्ताह के भीतर दो अलग-अलग घटनाओं में भालू के हमलों से दो युवक घायल हो चुके हैं।

ताजा मामला 12 मई को सामने आया जब ग्राम पंचायत पतेरापाली के एक युवक सुनील सोना, पिता जयदेव सोना, कांटाडोंगर इलाके में तेंदूपत्ता तोड़ने गया था। सुबह लगभग 7 से 8 बजे के बीच, पीछे से अचानक एक भालू ने उस पर हमला कर दिया।

हमले में सुनील की पीठ पर गंभीर चोटें आईं, जिसमें भालू के नाखूनों के गहरे निशान पड़ गए। जान बचाने के लिए सुनील तुरंत नजदीकी पेड़ पर चढ़ गया। वहां मौजूद अन्य तेंदूपत्ता संग्राहकों और परिजनों ने शोर मचाकर भालू को भगाने की कोशिश की, जिससे भालू भाग गया और युवक की जान बच सकी।

घटना के बाद साथियों ने घायल युवक को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया। उसकी हालत गंभीर न होते हुए भी शरीर पर गहरे घाव मौजूद थे।

सूचना मिलते ही वन विभाग के वनरक्षक राकेश पटेल घटनास्थल पर पहुंचे और तत्काल 500 रुपये की आर्थिक सहायता प्राथमिक उपचार के लिए प्रदान की।

इस संबंध में वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रत्युष तांडे ने बताया कि अब तक भालू के हमले की दो घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें तेंदूपत्ता तोड़ाई में लगे दोनों युवक घायल हुए हैं। विभाग द्वारा दोनों घायलों को प्राथमिक सहायता के रूप में 500-500 रुपये दिए गए हैं। यदि इलाज में अधिक खर्च आता है, तो उसका पूरा बिल प्रस्तुत करने पर शासकीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

उन्होंने यह भी बताया कि यदि भालू के हमले से किसी व्यक्ति को स्थाई विकलांगता होती है, तो शासन की ओर से 2 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता का प्रावधान है। वर्तमान में दोनों घटनाओं की सूचना दर्ज कर वनमंडल को भेजी जा चुकी है।

ग्रामीणों में इन घटनाओं के बाद तेंदूपत्ता संग्रहण को लेकर चिंता और भय का माहौल है। लोग अब ज्यादा सतर्कता के साथ जंगल जा रहे हैं।

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