cgnews
Trending

कलेक्टर के आदेश की अनदेखी: दोषी के खिलाफ अब तक नहीं हुई एफआईआर, पंचायत अधिकारियों की कार्यशैली पर उठे सवाल


महासमुन्द जिले में कलेक्टर विनय लंगेह के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, ग्राम पंचायत बरेकेल के एक गंभीर मामले में दोषियों के विरुद्ध अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। इस लापरवाही ने जिला पंचायत महासमुन्द और जनपद पंचायत पिथौरा के अधिकारियों की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

जानकारी के अनुसार, बरेकेल पंचायत में जीवित व्यक्ति जयप्रकाश बघेल का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था। इस पूरे मामले की शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास द्वारा 10 जून 2024 को राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन और प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती निहारिका बारीक को की गई थी।

शिकायत के आधार पर गठित जांच दल जिसमें सहायक सांख्यिकी अधिकारी संजय कुमार साहू, सहायक विस्तार अधिकारी यशवंत ध्रुव और करारोपण अधिकारी सुशील कुमार चौधरी शामिल थे, ने 15 जुलाई 2024 को अपनी जांच रिपोर्ट जिला पंचायत महासमुन्द को सौंपी। रिपोर्ट में शिकायत को सही पाया गया और नौ बिंदुओं में विस्तार से जांच विवरण प्रस्तुत किया गया।

जांच में यह स्पष्ट हुआ कि जयप्रकाश बघेल, जो पंचायत में भृत्य के रूप में कार्यरत था और कंप्यूटर का अच्छा ज्ञान रखता था, पंचायत सचिव श्वेत कुमारी माछु और रविलाल चौहान के निर्देश पर विभागीय कार्यों को अंजाम देता था। बघेल को ओटीपी और पासवर्ड जैसी संवेदनशील जानकारी भी प्रदान की गई थी। इसी का दुरुपयोग कर उसने स्वयं का मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार किया, उस समय पंचायत सचिव रविलाल चौहान पदस्थ थे।

जयप्रकाश बघेल ने स्वयं भी इस मामले की शिकायत कलेक्टर कार्यालय में की थी और इस आधार पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की थी। माननीय न्यायालय के आदेश के पश्चात कलेक्टर विनय लंगेह ने 24 अक्टूबर 2024 को आदेश जारी करते हुए सीईओ जिला पंचायत महासमुन्द को निर्देशित किया कि पंचायत सचिव श्वेत कुमारी माछु और रविलाल चौहान को निलंबित कर उनके विरुद्ध विभागीय जांच संस्थित की जाए तथा जयप्रकाश बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए।

लेकिन हैरानी की बात यह है कि आज तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। सीईओ जिला पंचायत महासमुन्द सच्चिदानंद आलोक ने 12 नवंबर 2024 को जनपद पंचायत पिथौरा को एक पत्र भेजकर मात्र औपचारिकता पूरी कर दी। पत्र में यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि एफआईआर दर्ज हुई है या नहीं।

जनपद पंचायत पिथौरा के सीईओ चंद्रप्रकाश मनहर ने भी स्वीकार किया है कि एफआईआर अब तक दर्ज नहीं हुई है, परंतु दस्तावेज भंवरपुर थाना को सौंप दिए गए हैं। वहीं, जिला पंचायत सीईओ द्वारा भेजे गए पत्र की प्रतिलिपि बसना थाना प्रभारी को दी गई, जबकि बरेकेल गांव भंवरपुर थाना क्षेत्र में आता है।

इस प्रकार, प्रशासनिक भ्रम और निष्क्रियता ने पूरे मामले को एक कागजी कार्रवाई तक सीमित कर दिया है। दोषी आज भी बिना किसी कानूनी कार्रवाई के खुलेआम घूम रहा है, जबकि जिम्मेदार अधिकारी कलेक्टर के आदेशों की भी अनदेखी कर रहे हैं।

YOUTUBE
Back to top button