
नेशनल लोक अदालत : 3,150 लंबित मामलों का हुआ निराकरण ….
5,87,27,410/- रूपये के अवार्ड पारित
24 खण्डपीठों का गठन कर किया गया मामलों का निराकरण
महासमुंद । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, महासमुंद, (छ0ग0) के सचिव, श्री दामोदर प्रसाद चन्द्रा द्वारा जानकारी दी गई कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमती अनिता डहरिया के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व के अधीन आज 8 मार्च 2025 दिन शनिवार को जिला न्यायालय महासमुंद एवं तहसील पिथौरा, सरायपाली, बसना और बागबाहरा स्थित सिविल, श्रम न्यायालय एवं राजस्व न्यायालयों सहित कुल 24 खण्डपीठां का गठन कर नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत की उक्त सभी खण्डपीठों में श्रमिक विवाद, बैंक रिकवरी प्रकरण, विद्युत एवं देयकां के अवशेष बकाया की वसूली और राजीनामा योग्य अन्य मामले के बकाया की वसूली संबंधी प्री-लिटिगेशन मामले, राजस्व न्यायालयों से संबंधित प्रकरण सुनवाई हेतु रखे गये थे। उक्त मामलों के अलावा राजीनामा योग्य दांडिक प्रकरण, परक्राम्य लिखत अधि0 की धारा-138 के अधीन परिवाद पर संस्थित मामले, मोटर दुर्घटना दावा संबंधी मामले तथा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा-135 (क) के तहत विद्युत चोरी के मामले तथा सिविल मामले भी नियत किये गये थे। उक्त खण्डपीठों में उपरोक्त सभी मामलों की सुनवाई करते हुए जिला महासमुंद स्थित विभिन्न न्यायालयों में प्रकरणों का निराकरण किया गया।



इसी प्रकार प्री-लिटिगेशन संबंधित मामलों में बैंक रिकवरी के 4 हजार 5 प्रकरणों में 23 लाख 20 हजार 560 रूपए का अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार विद्युत के 11 हजार 390 प्रकरणों में 5 करोड़ 59 लाख 45 हजार 186 रूपए, श्रम प्रकरण के 8 मामलों में 32 हजार 300 रूपए, एमएसीटी के 33 प्रकरण में. दो करोड़ 64 लाख 70 हजार, एनआई एक्ट-138 के 35 प्रकरणों में 80 लाख 65 हजार 996 रूपए तथा 35 अन्य सिविल प्रकरणों का निराकरण कर 2 करोड़ 31 लाख 40 हजार 814 रूपए अवार्ड पारित किया गया। इसी प्रकार राजीनामा योग्य 3029 दाण्डिक प्रकरणों में राजीनामा के आधार पर प्रकरण का निराकरण किया गया। जिले के सभी तहसील एवं अनुभाग क्षेत्रों के राजस्व न्यायालयों के माध्यम से 36 हजार 306 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में् सुलह एवं समझौता के आधार पर विभिन्न खंडपीडों के माध्यम से लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया और उनमें रूपये 5 करोड़ 87 लाख 27 हजार 410 रूपए की राशि के आवार्ड पारित किए गए। विदित हो कि आज दिनांक 8 मार्च 2025 को पूरे देश भर में माननीय उच्चतम न्यायालय से लेकर तहसील स्तर तक के न्यायालयों में एक साथ हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसके सफल आयोजन हेतु विगत कई माह से अनवरत तैयारी की जा रही थी और पक्षकारों को नियत सुनवाई दिनांक के पूर्व राजीनामा हेतु नोटिस प्रेषित कर प्री-सीटिंग कर राजीनामा करने हेतु प्रोत्साहित किया गया था। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन में महासमुंद अधिवक्तागण एवं न्यायालय के कर्मचारियों का अभूतपूर्व सहयोग प्राप्त हुआ।
(फोटो संलग्न)
2-समाचार
स्वास्थ्य जांच हेतु लगाए गए स्टॉल
महासमुंद 8 मार्च 2025/जिला न्यायालय महासमुंद परिसर में आयोजित आज नेशनल लोक अदालत के अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी महासमुंद तथा आयुर्वेद विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया था। जिसमें बड़ी संख्या में न्यायालयीन अधिकारी-कर्मचारीगण, अधिवक्तागण तथा अपने प्रकरण में उपस्थित पक्षकारगणों एवं विभिन्न विभागों से आए अधिकारी-कर्मचारियों का निःशुल्क स्वास्थ्य जांच किया गया।
(फोटो संलग्न)
3-समाचार
श्रम पंजीयन हेतु विभाग द्वारा लगाए गए शिविर
महासमुंद 8 मार्च 2025/जिला न्यायालय महासमुंद परिसर में आयोजित आज नेशनल लोक अदालत के अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती अनिता डहरिया एवं श्रम न्यायालय के न्यायाधीश तथा प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुश्री संघपुष्पा भतपहरी के मार्गदर्शन पर श्रम विभाग द्वारा विभागीय स्टाल लगाकर श्रम विभाग के जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में प्रचार-प्रसार अथवा विभाग के योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को प्राप्त हो इस उद्देश्य के लिए श्रम विभाग के द्वारा शिविर लगाए गए थे। शिविर में उपस्थित श्रम विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा लोक अदालत में अपने प्रकरण में आए पक्षकरों तथा संबंधता नागरिकों का श्रम पंजीयन करने की कार्यवाही की गई।
इसके अलावा श्रम विभाग में संचालित योजनाओं की भी जानकारी दी गई। श्रम विभाग के शिविर में उपस्थित अधिकारी कर्मचारियों द्वारा छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित योजनाए जैसे निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी हेतु सहायता राशि योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक निःशुल्क कार्ड योजना, मिनीमाता महतारी जतन योजना, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा प्रोत्साहन योजना, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना, विशेष शिक्षा सहायता योजना, मोबाईल रजिस्ट्रेशन वेन योजना, मुख्यमंत्री सायकल सहायजा योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना, निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना के साथ साथ अन्य श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई।
(फोटो संलग्न)
4- समाचार
सफल कहानी
दाम्पत्य जीवन एक साथ निर्वाह करने हुए सहमत
आपसी सुलह एवं समझौते के आधार पर किया गया प्रकरण का निराकरण
महासमुंद 8 मार्च 2025/ आज जिला मुख्यालय महासमुंद के जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में खंडपीठ क्रमांक-02, के समक्ष दाम्पत्य जीवन निर्वहन के पुर्नस्थापन संबंधित मामला जो कि महासमुंद कुटुम्ब न्यायालय में लंबित था। जिसमें पीठासीन अधिकारी श्री प्रफुल्ल कुमार सोनवानी द्वारा समझाईश दिया गया जिससे प्रेरित होकर दोनों दंपत्ति एक साथ रहने के लिए सहमत होते हुए अपना दाम्पत्य जीवन एक साथ निर्वाह करने हेतु तैयार हो गया। उक्त प्रकरण खल्लारी थाना अंतर्गत ग्राम खल्लारी (भीमखोंज) निवासी प्रमिला बाई निषाद उम्र-24 वर्ष (परिर्वर्तित नाम) का है, जिसका विवाह ग्राम बाना थाना खरोरा निवासी सत्यनारायण निषाद (परिर्वर्तित नाम) उम्र-27 वर्ष के साथ रिती रिवाजो के साथ 17 मार्च 2023 में हुआ था। शादी के बाद दोनों दाम्पत्य जीवन अच्छा था, बाद में उसके पति द्वारा गाली-गलौज, मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। जिसके कारण वे दोनो जून 2024 से अलग-अलग रहने लगे। जिसका प्रकरण परिवार न्यायालय में लंबित था। जिसे आज 8 मार्च 2025 को आयोजित नेशनल लोक अदालत के खंडपीठ के माध्यम से समझाईश एवं आपसी सुलह के माध्यम से निराकरण किया गया।
इसी प्रकार खंडपीठ क्रमांक-04, के पीठासीन अधिकारी श्री अनिल कुमार पाडेण्य द्वारा घेरलु हिंसा से संबंधित प्रकरण क्रमांक 49/2024 जो कि मामला बागबाहरा थाना का है। यह कि हाडाबंद निवासी हेमलता (परिवर्तित नाम) का विवाह 17 फरवरी 2016 को हिन्दू रितीरिवाज के साथ ग्राम पोड़ गोबरा नयापारा निवासी मोहन (परिवर्तित नाम) के साथ हुआ था। वर्तमान में उनके एक पुत्र और एक पुत्री है। उन दोनों के विवाह के दो-तीन वर्ष बाद उनके रिस्ते में अनबन होने लगा। उसके पति द्वारा उसके चरित्र में संदेह कर मारपीट गाली गजौज करने लगा था। जिस पर उनके द्वारा सामाजिक बैठक भी कराई गई थी। इस प्रकार 25 सिंतबर 2024 को मामला न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत हुआ जो आज अपील प्रकरण के रूप में खंडपीठ अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। जिसे समझाईश के बाद आपसी सुलह के माध्यम से पति पत्नी के साथ दाम्पत्य जीवन निर्वाह और हसी-खुशी रहने को तैयार हुए। इसके अलावा खंडपीठ क्रमांक-5 के पीठासीन अधिकारी श्री आनंद बोरकर द्वारा घरेलु हिंसा के अंतर्गत प्रकरण 131/2022 में आज आयोजित नेशनल लोक अदालत में खंडपीठ के माध्यम से समझाईश एवं आपसी सुलह के माध्यम से प्रकरण का निराकरण किया गया।
(फोटो संलग्न)