Pithora

सर्व आदिवासी समाज 17 जून को प्रदेश भर में करेंगे जेल भरो आंदोलन

पिथौरा, सर्व आदिवासी समाज द्वारा प्रदेश भर के जिला मुख्यालय में विभिन्न मांगों को लेकर 17 जून को जेल भरो आंदोलन करेंगे! सर्व आदिवासी समाज के ब्लॉक अध्यक्ष मनराखन ठाकुर ने बताया कि पूरे प्रदेश में आदिवासी समाज द्वारा विगत 2 वर्षों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं के बावजूद भी सरकार द्वारा आदिवासी समाज के मांगों के प्रति गंभीर नहीं है जिसके कारण आदिवासी समाज में आक्रोश है! उन्होंने बताया की छत्तीसगढ़ प्रदेश आदिवासी बहुल होते हुए एवं पांचवी अनुसूची क्षेत्र के विशेष संवैधानिक अधिकार के बावजूद छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज पर लगातार अत्याचार प्रताड़ना बढ़ते जा रही है । न्याय के लिए निवेदन आवेदन आंदोलन के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है 1 . जिला बालोद डौंडी ब्लाक के आदिवासी समाज के जामड़ी पाठ को परिवर्तित कर पाटेश्वर धाम बनाने वाले बालक दास के द्वारा 1 मई को ग्राम तुएगोंदी में आदिवासी समाज के द्वारा की जा रही पारंपरिक पूजा में गुंडे बुलाकर तलवार , लाठी एवं कांच की बोतलों और पत्थर से घातक वार जिसमें कई लोगों को गंभीर शारीरिक चोटें आयी एवं जान से मारने के चेतावनी एवमं प्रयास किया गया जिसके लिए समाज के द्वारा लगातार आवेदन निवेदन महाबंध के बाद भी बालक दास के ऊपर अभी तक कोई एफ.आई.आर. एवं दंडात्मक कार्यवाही नहीं हुआ है । 2 . सरगुजा के हसदेव अरण्य परसा कोल ब्लॉक में ग्राम सभा और प्रदेशभर के विरोध के बाद भी आदिवासी गांव को उजड़ा जाएगा एवं लाखों पेड़ काटा जाएगा । 3 . मई 2021 में सुकमा जिले के सिलगेर ग्राम में पुलिस एवं फोर्स के द्वारा निर्दोष ग्रामीणों का गोली से मार कर हत्या कर दी गई और नक्सली बताया गया था जो जांच के बाद में साबित हुआ कि निर्दोष ग्रामीण और किसान थे । जिस पर अभी तक उनको कोई मुआवजा नही मिला ना ही दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर कोई दंडात्मक कार्यवाही FIR हुए । प्रदेश भर में आदिवासी समाज राजाओ एवं महापुरुषों के नाम पर संचालित शासकीय स्कूलों को सरकार द्वारा बंद किया गया!
इन सभी गंभीर विषयों को लेकर सर्व आदिवासी समाज के द्वारा लगातार जिला एवं छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री , सचिव , राज्यपाल को आवेदन देकर कई बार धरना प्रदर्शन , महाबंद तक किये है पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं होने से सर्व आदिवासी समाज के द्वारा विगत दिनों बैठक में सर्वसम्मति से 17 जून को प्रदेश स्तरीय जेल भरो आंदोलन करने का निर्णय लिए । जिसमें सभी जिला मुख्यालयों में हजारों की तादाद में आदिवासी समाज के द्वारा जेल भरो आंदोलन करेंगे एवं शासन प्रशासन के लिए चेतावनी भी होगा इसके बाद समाज लोकतांत्रिक तरीके से और भी उग्र कदम उठा सकते हैं ।

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