
धमतरी : किसके हाथों आयेगी कांग्रेस जिलाध्यक्ष का कमान…
तीनों दावेदारों की सक्रियता पर टिकी सबकी निगाहें…

धमतरी। कांग्रेस संगठन में इस समय नए तरीके से जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। प्रदेश नेतृत्व ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि इस बार कमान उसी नेता को मिलेगा, जिसकी पकड़ कार्यकर्ताओं और जनता के बीच मजबूत है। इसी उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले में बाहरी पर्यवेक्षक भेजे गए हैं ताकि चयन की प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी रहे।
पर्यवेक्षकों ने यह भी स्पष्ट कहा है कि निर्णय सक्रियता और संगठन की मजबूती को आधार मानकर ही लिया जाएगा।अब प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की बैठक हाईकमान के साथ हो चुकी है। नाम की आधिकारिक घोषणा का इंतजार है।
धमतरी जिले में तीन प्रमुख नाम सामने
1. गुरुमुख सिंह होरा
2. तारिणी नीलम चंद्राकर
3. निशु चंद्राकर
यह तीनों नेता संगठन में लंबे समय से सक्रिय हैं और जिले की राजनीतिक स्थिति पर मजबूत पकड़ रखते हैं।
वरिष्ठता और अनुभव की पहचान : गुरुमुख सिंह होरा

गुरुमुख सिंह होरा जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी एक परिचित और सम्मानित नाम हैं। वे कुरूद के पूर्व विधायक रह चुके हैं। धमतरी विधानसभा में भी वे मजबूत नेतृत्व दे चुके हैं। वर्तमान में वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं। करीब चालीस वर्षों का राजनीतिक अनुभव उनके पास है। यह माना जा रहा है कि यदि जिलाध्यक्ष का दायित्व उनके हाथ में आता है, तो जिले की तीनों विधानसभा क्षेत्रों में संगठन और अधिक मजबूत होगा। होरा की निकटता नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत से बताई जाती है।
महिला नेतृत्व को बढ़ावा की मंशा से तारिणी नीलम चंद्राकर का नाम मजबूत
कांग्रेस इस बार जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में महिला नेतृत्व को भी महत्व देना चाहती है। इसी आधार पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य नीलम चंद्राकर की पत्नी और पूर्व जिला पंचायत सभापति तारिणी चंद्राकर का नाम भी प्रमुखता से सामने है। वे कुरूद विधानसभा से चुनाव लड़ चुकी हैं। चुनाव में हार के बाद भी उनका सक्रिय जनसंपर्क और महिला कार्यकर्ताओं में पकड़ बनी हुई है। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समर्थकों में माना जाता है।

युवाओं की ऊर्जा और जमीनी संपर्क : निशु चंद्राकर
निशु चंद्राकर ने छात्र राजनीति से शुरुआत कर जिला स्तर पर मजबूत पहचान बनाई। उन्हें जब ग्रामीण कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया, तो उन्होंने संगठन को जमीन पर अधिक सक्रिय किया। वे दो बार जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वे जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं। उनकी कार्यशैली और युवा नेतृत्व क्षमता को प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोनों मान्यता देते हैं।
दावेदारी अनेक, मुकाबला इन तीन नामों में सिमटा
जिलाध्यक्ष पद के लिए दर्जनों दावेदारों ने पर्यवेक्षक के सामने अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है। हालांकि सक्रियता और संगठनात्मक प्रभाव को देखते हुए मुकाबला मुख्य रूप से इन्हीं तीन नेताओं के बीच माना जा रहा है।क्यों अहम है यह पदकांग्रेस के नए फॉर्मूले के अनुसार विधानसभा टिकट तय करने में जिलाध्यक्ष की राय को सबसे प्राथमिकता में रखा जाएगा। इस प्रकार भविष्य की टिकट चयन प्रक्रिया में जिलाध्यक्ष की भूमिका अहम होगी।
अब निगाहें हाईकमान पर
धमतरी जिले में यह चर्चा चरम पर है कि आखिर कमान किसे मिलेगी। वरिष्ठ अनुभव हो या महिला नेतृत्व, या फिर युवा ऊर्जा, कांग्रेस किस दिशा में निर्णय लेगी, इसका फैसला बहुत जल्द सामने आएगा।





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