
धमतरी में विकास की झूठी तस्वीर: गड्डों से भरी सड़कें बना रही खतरे का रास्ता
शहर की प्रमुख सड़कें जर्जर, रात के अंधेरों में बाइक चालकों और पैदल यात्रियों के लिए खतरा –
प्रशासन की अधूरी मरम्मत से बढ़ती चिंताएं
धमतरी । धमतरी शहर में विकास की बातें जोर-शोर से की जा रही हैं। नए-नए योजनाओं, शहरी सुधारों और सड़क निर्माण के दावे मीडिया और अफ़िशियल रिपोर्ट्स में दिखते हैं। लेकिन जब हम जमीनी हकीकत पर नजर डालते हैं, तो तस्वीर बिल्कुल अलग नजर आती है। शहर की कई प्रमुख सड़कें—सिहावा रोड, नगरी मार्ग, रत्नाबांधा रोड और विंध्यवासिनी मंदिर से रुद्री जाने वाली सड़क—अब जर्जर और गड्डों से भरी हुई हैं।

यहां सड़कें इस कदर खराब हैं कि इन पर चलना खतरे से खाली नहीं है। इन गड्डों से गुजरना हर किसी के लिए चुनौती बन गया है। अभी तक यह केवल असुविधा का कारण बन रही हैं, लेकिन समय रहते सुधार न हुआ तो यह किसी बड़े हादसे का भी कारण बन सकती हैं।
गड्डों की वजह से बढ़ते खतरे
विशेष रूप से रात के समय इन सड़कें और भी अधिक खतरनाक हो जाती हैं। प्रकाश व्यवस्था की कमी और सड़क पर मौजूद गड्डों की वजह से बाइक चालकों और पैदल यात्रियों को अक्सर कठिनाई का सामना करना पड़ता है। अभी तक बड़े हादसे की खबर नहीं आई है, लेकिन यह केवल भाग्य और समय की बात है कि कोई गंभीर दुर्घटना नहीं हुई।
मरम्मत का अधूरा काम
स्थानीय प्रशासन द्वारा सड़क मरम्मत के नाम पर किए जा रहे प्रयास अक्सर अधूरे और असंगत नजर आते हैं। गड्डों को मिट्टी या गिट्टी से भरने के प्रयास अक्सर थोड़े समय के लिए ही समस्या को छुपाते हैं। असली जरूरत सड़क को पूरी तरह से पुनःनिर्माण की है, ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो और शहर का विकास सच्चाई में नजर आए।
नागरिकों की सुरक्षा खतरे में
धमतरी के नागरिक अब हर रोज़ सड़क पर खतरे का सामना कर रहे हैं। यह केवल असुविधा का सवाल नहीं है, बल्कि सुरक्षा और जीवन की अहमियत का मामला है। जब तक स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देंगे, तब तक यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।
धमतरी शहर में विकास केवल घोषणाओं और योजनाओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए। असली विकास तब ही माना जाएगा जब सड़कें सुरक्षित, सुगम और आधुनिक हों, और नागरिकों को सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित हो। गड्डों भरी सड़कें शहर के विकास की झूठी तस्वीर पेश करती हैं, और नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा बनती हैं।
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