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नगर निगम में भेदभाव बर्दाश्त नहीं — कांग्रेस पार्षद दल

“मेरे लिए सभी पार्षद बराबर” — महापौर रामू रोहरा

धमतरी। नगर निगम धमतरी में कथित भेदभाव को लेकर विपक्षी कांग्रेस पार्षद दल ने निगम कार्यालय के सामने जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। कांग्रेस पार्षदों का आरोप है कि भाजपा पार्षदों के वार्ड में विकास शुल्क से तेजी से काम हो रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्षदों के वार्डों की लगातार उपेक्षा की जा रही है।

धरने में निगम के नेता प्रतिपक्ष दीपक सोनकर, उपनेता विशु देवांगन, वरिष्ठ पार्षद योगेश लाल सुमन मेश्राम सहित कई पार्षद मौजूद रहे। शहर कांग्रेस अध्यक्ष आकाश गोलछा, वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री पूर्णिमा रजक और गजानंद रजक ने भी विरोध प्रदर्शन में शिरकत कर कांग्रेस पार्षदों का समर्थन किया।

कांग्रेस पार्षदों का आरोप

धरना स्थल पर कांग्रेस पार्षदों ने खुलकर निगम प्रशासन और महापौर पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि “जब सभी वार्ड नगर निगम का हिस्सा हैं, तो फिर विकास कार्यों में भेदभाव क्यों? भाजपा वार्डों में तो सड़कों से लेकर नाली तक का निर्माण हो रहा है, लेकिन कांग्रेस वार्डों को जानबूझकर उपेक्षित किया जा रहा है।”

कांग्रेस नेताओं ने यह भी चेतावनी दी कि यदि इस प्रकार का रवैया जारी रहा तो वे और उग्र आंदोलन करेंगे।

पूर्व में भी हो चुके हैं आंदोलन

यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस पार्षदों ने निगम प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोला है। इससे पहले डीजल चोरी और अन्य अनियमितताओं को लेकर भी कांग्रेस ने निगम कार्यालय का घेराव किया था। बार-बार हो रहे विरोध प्रदर्शनों से साफ है कि कांग्रेस पार्षदों और निगम प्रशासन के बीच टकराव लगातार गहराता जा रहा है।

महापौर रामू रोहरा का जवाब

आरोपों पर सफाई देते हुए महापौर रामू रोहरा ने कहा कि “मेरे लिए धमतरी नगर निगम के सभी 40 वार्ड बराबर हैं। जैसे भाजपा वार्डों में विकास कार्य हो रहे हैं, वैसे ही कांग्रेस वार्डों में भी होंगे। मेरे लिए धमतरी शहर का हर वार्ड समान है और विकास कार्य कराना मेरी जिम्मेदारी है।”

महापौर का यह बयान भले ही संतुलित दिखाई दे रहा हो, लेकिन विपक्ष का कहना है कि जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है।

राजनीतिक मायने और जनता पर असर

धमतरी नगर निगम की यह लड़ाई महज विकास कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान का भी हिस्सा है। भाजपा पार्षदों के वार्डों में हो रहे काम को कांग्रेस “पक्षपात” बता रही है, जबकि भाजपा इसे “समान विकास” कह रही है।

स्थानीय जनता इस विवाद में पिसती नजर आ रही है। कांग्रेस पार्षदों के वार्डों के लोग बार-बार अपनी समस्याएं उठाते हैं, लेकिन जब तक राजनीति और प्रशासन के बीच सामंजस्य नहीं बनता, तब तक विकास कार्य ठप पड़े रहते हैं।

धमतरी की राजनीति में असर

धमतरी नगर निगम में भाजपा का कब्जा है, वहीं कांग्रेस लगातार दबाव की राजनीति कर रही है। ऐसे में यह विवाद सिर्फ निगम स्तर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले चुनावी माहौल पर भी इसका असर पड़ सकता है। विपक्ष का यह आरोप जनता में कितना विश्वास पैदा करता है और महापौर का बचाव कितना असरदार होता है—यह आने वाला समय बताएगा।

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