
सरायपाली से बड़ा खुलासा : बलौदा थाना स्टाफ पर लगा किसानों से वसूली का आरोप, कार्यवाही अब भी अधर में…
किसानों से वसूली के आरोप में बलौदा थाना स्टाफ हटाया
सरायपाली। ओड़िशा के सोनपुर जिले से जुड़े दो डेयरी व्यवसायी किसानों और उनके वाहन चालक के साथ बलौदा थाना क्षेत्र में हुई कथित वसूली ने पुलिस विभाग पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बताया गया है कि गाय खरीदकर लौट रहे किसानों से पुलिसकर्मियों ने गौ-तस्करी का भय दिखाकर 80 हजार रुपये ले लिए। शिकायत बढ़ने के बाद पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह ने बलौदा थाना प्रभारी समेत पूरे स्टाफ को हटा दिया, लेकिन पीड़ित किसानों के साथ हुई ज्यादती पर अब तक ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी है।


घटना का पूरा मामला
सूत्रों के अनुसार, सोनपुर (ओड़िशा) जिले के कलाकान्हू नायक और परीक्षित देवरी मुख्यमंत्री कामधेनु योजना के तहत आवश्यक दस्तावेजों के साथ छत्तीसगढ़ आए थे। गायों की खरीदी के बाद जब वे वापस लौट रहे थे, तब बलौदा थाना क्षेत्र की जांच चौकी पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया।
किसानों का आरोप है कि वैध कागजात दिखाने के बावजूद पुलिस ने उन्हें फर्जी बताते हुए थाने ले जाकर 4 लाख रुपये की मांग की। पैसे न देने पर उनके पास रखे 60 हजार रुपये जब्त कर लिए गए और कपड़े उतरवाकर घंटों थाने में बैठाए रखा गया।
इसी दौरान उनके वाहन चालक तहसील कुम्हार को भी पुलिस की प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। उस पर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी गई और 20 हजार रुपये वसूल कर केवल 3500 रुपये की रसीद दी गई। विरोध करने पर उसे डराकर भगा दिया गया।
शिकायत पर चुप्पी
किसानों ने इस मामले की शिकायत ओड़िशा के अधिकारियों से भी की, लेकिन वहां से कोई मदद नहीं मिली। बाद में नुआपड़ा (ओड़िशा) के एक पत्रकार ने इसे एसपी महासमुंद के संज्ञान में लाया। एसपी ने किसानों से औपचारिक शिकायत मिलने पर कड़ी कार्यवाही का भरोसा दिया था। हालांकि, 20 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
अचानक तबादला
कुछ दिनों पहले इस प्रकरण ने तब और तूल पकड़ा जब बलौदा थाना प्रभारी उत्तम तिवारी समेत करीब 15–20 पुलिसकर्मियों को अचानक हटा दिया गया और नए स्टाफ की तैनाती कर दी गई।
नवपदस्थ थाना प्रभारी सचिन गुमास्ता ने बताया कि वे पहले कोतवाली में पदस्थ थे, अचानक उन्हें बलौदा थाने का कार्यभार संभालने का आदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व स्टाफ को क्यों हटाया गया, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
लगातार शिकायतों के बाद कार्रवाई – एसपी
पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह का कहना है कि बलौदा थाना स्टाफ के खिलाफ लंबे समय से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। कई कर्मचारी 6-7 साल से वहीं पदस्थ थे। इसी कारण थाना प्रभारी समेत पूरे स्टाफ को हटाकर नई तैनाती की गई है। हालांकि किसानों से वसूली के इस मामले में अब तक किसी जिम्मेदार के खिलाफ स्पष्ट कार्यवाही नहीं की गई है।
Note – एसपी महासमुंद के वर्जन हेतु साभार (नवभारत )
