
कोमाखान में भव्य भजन संध्या, अनंत चतुर्दशी पर देर रात तक श्रद्धा और भक्ति में झूमे भक्तजन
कोमाखान। नवयुवक गणेश उत्सव समिति कांजी हाऊस, कोमाखान द्वारा गणेशोत्सव के अंतिम दिवस अनंत चतुर्दशी पर भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया।इस अवसर पर महासमुंद जिले का सुप्रसिद्ध लोक कला मंच बकमा अपने कलाकार दल के साथ उपस्थित रही और उन्होंने पारंपरिक छत्तीसगढ़ी भक्ति गीतों की ऐसी मनमोहक प्रस्तुति दी कि पूरा वातावरण भक्तिरस में सराबोर हो उठा। श्रद्धालु, माताएं और बहनें देर रात तक भजन की धुनों पर झूमते नजर आए।


गणेश पूजा से हुआ आगाज़
कार्यक्रम की शुरुआत प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना एवं दीप प्रज्वलन से हुई। इसके पश्चात लोक कला मंच बकमा के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक पारंपरिक भक्ति गीतों की प्रस्तुति दी। “जय गणेश देवा…” की गूंज से पूरा आयोजन स्थल भक्तिमय हो गया ।

मुख्य अतिथि का मार्गदर्शन
भजन संध्या के मुख्य अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष भीखम सिंह ठाकुर रहे। उन्होंने नवयुवक गणेश उत्सव समिति की इस अनूठी पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा –”ऐसे आयोजनों से युवाओं में संस्कृति और परंपरा के प्रति श्रद्धा बढ़ती है तथा समाज में एकता और भक्ति का संदेश प्रसारित होता है।” उन्होंने समिति को आगामी वर्षों में और भी बड़े व भव्य आयोजन के लिए हर संभव मार्गदर्शन व सहयोग का आश्वासन दिया ।



गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति
भजन संध्या में बड़ी संख्या में ग्रामीण एवं गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। विशेष रूप से सरपंच जंवा बाई ठाकुर, सरपंच प्रतिनिधि कुमार सिंह ठाकुर, मंडल अध्यक्ष नितिन जैन, उप सरपंच हिरेन्द्र उपाध्याय, पंचगण – जितेन्द्र खरे, मनोज चौधरी, नाजरा खान, पंच प्रतिनिधि ओंकार ठाकुर सहित अनेक जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति रही । आभार प्रदर्शन वार्ड पंच जितेन्द् खरे द्वारा किया गया ।


समिति का योगदान
आयोजन की सफलता में नवयुवक गणेश उत्सव समिति कांजी हाऊस, कोमाखान के सभी सदस्यों ने अहम भूमिका निभाई। अध्यक्ष यशवंत (यशु) सोनी के नेतृत्व में उत्तम धीवर, हर्ष सोनवानी, जगदीश मानिकपुरी, दुर्गेश धीवर, सत्तेन्द्र, कुन्दन धीवर, ईशु ठाकुर, निखिल साहू, खेमन धीवर, उर्वशी धीवर, चंचल उपाध्याय, पुलकित उपाध्याय सहित सभी नवयुवकों ने मिलकर आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
देर रात तक गूंजे भजन
आयोजन स्थल पर देर रात तक श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर रहा। माताएं-बहनें तालियां बजाकर और गीतों पर झूमकर कलाकारों का उत्साहवर्धन करती रहीं। पूरा माहौल भक्तिरस, श्रद्धा और उल्लास से ओत-प्रोत रहा।
इस प्रकार अनंत चतुर्दशी पर आयोजित यह भव्य भजन संध्या न केवल गणेशोत्सव का समापन बनी, बल्कि कोमाखान की सांस्कृतिक धरोहर को भी नई पहचान दिलाते हुए समाज में भक्ति, सद्भाव और परंपरा का संदेश छोड़ गई।
