
डीएसपी रागिनी मिश्रा को मिलेगा मुख्यमंत्री पुरस्कार
विक्रांत शर्मा, पत्रकार
अनुसूचित जनजाति प्रकरणों के त्वरित निराकरण व नशामुक्ति अभियान में सराहनीय योगदान

धमतरी। कर्तव्य और दायित्व के समन्वय से जब कार्य होता है, तो उसका परिणाम सम्मान और प्रेरणा के रूप में सामने आता है। इसी उदाहरण को कुरूद की अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (डीएसपी) रागिनी मिश्रा ने अपने उत्कृष्ट कार्य से साबित किया है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को राजधानी रायपुर में आयोजित मुख्य राज्य स्तरीय समारोह में डीएसपी रागिनी मिश्रा को मुख्यमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह उपलब्धि न केवल कुरूद, बल्कि पूरे धमतरी जिले के लिए गौरव का विषय है।
अनुसूचित जनजाति प्रकरणों में त्वरित न्याय
मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2024 में रागिनी मिश्रा ने अजाक पद पर रहते हुए अनुसूचित जनजाति वर्ग के 40 से अधिक मामलों की समय पर विवेचना कर निराकरण किया। इनमें लगभग 15 प्रकरण ऐसे थे, जिनमें 7 से 15 दिनों के भीतर ही प्रस्ताव तैयार कर पीड़ितों को राहत राशि उपलब्ध कराई गई। साथ ही 15 से 20 मामलों में पात्र व्यक्तियों को दैनिक मजदूरी, आहार व्यय, यात्रा भत्ता, चिकित्सा भत्ता और अन्य सहायता दिलाने में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जनजागरूकता और नशामुक्ति अभियान में योगदान
डीएसपी रागिनी मिश्रा ने अनुसूचित जनजातियों के हित में शासन की योजनाओं का गांव-गांव जाकर प्रचार-प्रसार किया और लोगों को इनका लाभ लेने के लिए प्रेरित किया।
इसके अलावा, नशामुक्ति अभियान की नोडल अधिकारी के रूप में उन्होंने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए, जिनमें युवाओं को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया और नशे से दूर रहने की सलाह देकर सामाजिक जिम्मेदारी भी निभाई।
मुख्यमंत्री पुरस्कार प्राप्त करने जा रही डीएसपी रागिनी मिश्रा की यह उपलब्धि महिला पुलिस अधिकारियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन रही है।
