
धमतरी में नशे का अड्डा: पुलिस की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
विंध्यवासिनी वार्ड में महिला द्वारा खुलेआम गांजा बिक्री, प्रशासन की लापरवाही उजागर
विक्रांत शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
धमतरी।शहर के विंध्यवासिनी वार्ड से एक गंभीर और चिंताजनक मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला खुलेआम, बिना किसी डर या खौफ के गांजा की पुड़िया बेचती नजर आ रही है। वार्ड की एक दुकान के समीप बैठकर वह महिला नशे का यह काला कारोबार इतनी निर्भीकता से कर रही है मानो उसे कानून का कोई भय ही न हो।
सबसे गंभीर बात यह है कि इस पूरे मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को भी है। फिर भी अब तक न कोई कार्रवाई हुई, न कोई गिरफ्तारी – जिससे आम नागरिकों के मन में यह सवाल उठना लाज़मी है कि आख़िर पुलिस की चुप्पी का मतलब क्या है? क्या यह मिलीभगत है या फिर सच्चाई से मुँह मोड़ने की आदत?
सालों से चल रहा गोरखधंधा, पुलिस की भूमिका संदिग्ध
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह महिला सालों से इसी तरह गांजा बेचने का काम कर रही है। मोहल्ले के लोगों को इसकी जानकारी है, और आश्चर्य की बात तो यह है कि पुलिस को भी सब कुछ पता होने की बात कही जा रही है। फिर भी पुलिस की निष्क्रियता कानून व्यवस्था की विफलता को उजागर करती है।
नशे की गिरफ्त में युवा वर्ग, 50 से 200 तक बिक रही पुड़िया
सबसे अधिक चिंताजनक पहलू यह है कि इस महिला की ग्राहक सूची में अधिकतर युवा वर्ग के लोग शामिल हैं। 50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक की पुड़िया ये युवक खरीदते हैं, जिससे यह साफ है कि आने वाली पीढ़ी नशे की दलदल में धकेली जा रही है और समाज का भविष्य अंधकार की ओर बढ़ रहा है।
प्रशासन कब जागेगा?
इस तरह का कारोबार किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। विंध्यवासिनी वार्ड नशे का गढ़ बनता जा रहा है और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। सवाल यह है कि –
- पुलिस किसके इशारे पर चुप है?
- क्या महिला को किसी ‘सिस्टम’ का संरक्षण प्राप्त है?
- कब तक युवा पीढ़ी को इस नशे के जाल में फंसाया जाता रहेगा?
जनता और समाज अब कार्रवाई चाहता है, बहानों और चुप्पियों का वक्त खत्म हो चुका है।
धमतरी प्रशासन को अब और देर नहीं करनी चाहिए, वरना जनता का विश्वास कानून से उठ जाएगा और नशे का जहर पूरे शहर में फैल जाएगा।