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भीखम सिंह ठाकुर पुनः बने सर्व आदिवासी समाज महासमुंद के जिलाध्यक्ष, दोनों संगठनों का हुआ ऐतिहासिक एकीकरण

महासमुंद।
सर्व आदिवासी समाज जिला महासमुंद की महत्वपूर्ण बैठक आज बागबाहरा विश्राम गृह में संपन्न हुई, जिसमें कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। समाज की एकजुटता और आगामी 9 अगस्त को मनाए जाने वाले विश्व आदिवासी दिवस महोत्सव की तैयारी को लेकर यह बैठक बेहद निर्णायक रही।

सबसे अहम पहलू रहा—विगत कुछ समय से दो खेमों में बंटे सर्व आदिवासी समाज का पुनः एक हो जाना। आपसी सामंजस्य और समझ के साथ दोनों संगठनों का पूर्ण विलय किया गया, जिससे समाज में व्याप्त तनाव और भ्रम की स्थिति समाप्त हो गई है। समाज की एकता की दिशा में यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

🔸 भीखम सिंह ठाकुर को सर्वसम्मति से फिर सौंपी गई कमान

बैठक में उपस्थित सभी समाजजन की सर्वसम्मति से भीखम सिंह ठाकुर को एक बार फिर से सर्व आदिवासी समाज जिला महासमुंद का जिलाध्यक्ष चुना गया। वहीं, थानसिंह दीवान को कार्यकारी जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
समाजजनों ने परंपरागत तरीके से टीका-अक्षत एवं पीला चावल अर्पित कर दोनों नवमनोनीत नेताओं का स्वागत किया और उनके नेतृत्व में समाज के संगठित होकर कार्य करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

🔸 “पहले समाज, फिर संगठन या राजनीति” – थानसिंह दीवान

नवमनोनीत कार्यकारी जिलाध्यक्ष थानसिंह दीवान ने कहा—

समाज सर्वोपरि है। पहले समाज, फिर कोई संगठन या राजनीतिक विचारधारा। समाज की एकता के लिए मैं तन-मन-धन से कार्य करूंगा।”

वहीं, पुनः निर्वाचित जिलाध्यक्ष भीखम सिंह ठाकुर ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा—

मुझे जो दायित्व फिर से सौंपा गया है, उसे पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण से निभाऊंगा। समाज के विकास के लिए निरंतर प्रयास करता रहूंगा।
गौरतलब है कि श्री ठाकुर वर्तमान में जिला पंचायत महासमुंद के उपाध्यक्ष पद पर भी कार्यरत हैं।

🔸 अब एक ही संगठन, एक ही बैनर

बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि महासमुंद जिले में अब से सिर्फ एक ही सर्व आदिवासी समाज संगठन मान्य होगा, जिसकी पंजीयन क्रमांक 4230 वाले संगठन की वैधता अब समाज द्वारा अस्वीकार कर दी गई है।
सभी कार्यक्रम, आंदोलन, या सामाजिक आयोजन एक ही बैनर तले संचालित किए जाएंगे। समाज ने यह भी तय किया कि अब कोई भी नई संस्था या विभाजित संगठन समाज में मान्यता नहीं पाएगा।

🔸 भव्य आयोजन की तैयारी : 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस

बैठक का प्रमुख एजेंडा था आगामी विश्व आदिवासी दिवस महोत्सव की तैयारी। यह कार्यक्रम हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 9 अगस्त को बड़े ही भव्य स्तर पर आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में जिलेभर से समाजजन, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी एवं कलाकार शामिल होंगे।
पारंपरिक वेशभूषा में कलाकार नृत्य, गायन, वादन और झांकियों के माध्यम से आदिवासी सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत करेंगे।

🔸 उपस्थिति ने बढ़ाया उत्साह

बैठक में मनराखन ठाकुर (जिलाध्यक्ष – ध्रुव गोंड समाज, 52 गढ़ महासमुंद), जिले के प्रमुख समाजसेवी, वरिष्ठ पदाधिकारी, ब्लॉक अध्यक्ष, महिला-युवा प्रभाग, अनुसूचित जनजाति के अधिकारी-कर्मचारी, और बड़ी संख्या में समाज के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

🔸 एकता का संदेश, संघर्ष की तैयारी

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि समाज के हक-अधिकार, आरक्षण, भूमि, शिक्षा, और सांस्कृतिक अस्तित्व की रक्षा हेतु संघर्ष आवश्यक हुआ तो एकजुट होकर आंदोलन किया जाएगा।
यह एकता समाज के अंदर नई ऊर्जा का संचार कर रही है।

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