cgnews

गांव में तीन परिवारों का सामाजिक बहिष्कार…प्रशासन से इंसाफ की मांग

महासमुंद, छत्तीसगढ़।
जिले के बसना थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम बुटकीपाली (पोस्ट: बड़े साजापाली) के तीन परिवारों को बीते दो महीनों से गांव के कुछ प्रभावशाली लोगों द्वारा सामाजिक रूप से अलग-थलग कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि इन परिवारों को गांव के सामान्य सामाजिक और दैनिक जीवन से पूरी तरह अलग कर दिया गया है — यहां तक कि उन्हें दुकान से सामान खरीदने तक की अनुमति नहीं है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि जिन तीन परिवारों को बहिष्कृत किया गया है, उनका ‘अपराध’ केवल इतना था कि उन्होंने पंचायत चुनाव में वर्तमान सरपंच और उनके सहयोगियों के विरोध में मतदान किया था। चुनाव परिणाम के बाद, सरपंच और उनके समर्थकों ने इन परिवारों को गांव से ‘सामाजिक रूप से बाहर’ करने का कदम उठाया।

पीड़ित परिवारों में राजेश कुमार (पिता – रामदयाल, जाति – मरार), झंगलू सिंग (पिता – कवल सिंग, जाति – गोंड), और बुधराम साहू (पिता – चंद्रिका साहू, जाति – तेली) शामिल हैं। इन परिवारों को गांव के प्रभावशाली लोगों — जिनमें सरपंच रोहित साहू, पंच तोपचंद पटेल, मनोज खटकर, नागेश्वर भोई, लक्ष्मीनारायण साहू और ग्राम समिति अध्यक्ष जगदीश साहू — द्वारा कथित रूप से बहिष्कृत किया गया है।

स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि यदि कोई ग्रामीण इन परिवारों की सहायता करता है या संपर्क में आता है, तो उस पर ₹5,000 से ₹10,000 तक का जुर्माना लगाया जा रहा है। दरस, पिंटू और तीरथ नाम के ग्रामीणों को ऐसा ही जुर्माना भरना पड़ा है। इससे गांव में भय का माहौल बन गया है और कोई भी व्यक्ति खुलकर इन परिवारों की सहायता करने से डर रहा है।

स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि गांव की दुकानों से इन परिवारों के बच्चों तक को कोई भी सामान नहीं दिया जा रहा है। कुछ दुकानदारों के वीडियो सामने आए हैं, जिनमें वे साफ कह रहे हैं कि “जब तक बहिष्कार समाप्त नहीं होता, तब तक सामान नहीं दिया जाएगा।”

पीड़ितों का यह भी आरोप है कि उन्हें सरकारी आवास योजना के लाभ से भी वंचित कर दिया गया है। उनका दावा है कि गांव के सरपंच ने सर्वे कराने से मना कर दिया है, जिससे उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा।

जब इस मामले में सरपंच रोहित साहू से मोबाइल के माध्यम से प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने इस पूरे मामले से अनभिज्ञता जताई और कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।

थाना बसना में शिकायत दर्ज कराई गई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। अंततः इन परिवारों ने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को लिखित आवेदन देकर न्याय की मांग की है। पीड़ितों ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन जल्द ही इस मामले में संज्ञान लेकर उन्हें राहत प्रदान करेगा।

YOUTUBE
Back to top button