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अमलीपदर में सड़क हादसों ने बढ़ाई चिंता: संकरी सड़कें और अतिक्रमण बन रहे हादसों की वजह

अमलीपदर, गरियाबंद।एक ही दिन में हुए दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं ने अमलीपदर क्षेत्र के नागरिकों में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। इन घटनाओं ने एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और बुनियादी ढांचे को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पहली घटना धराझोला निवासी कुंज बिहारी के बोलेरो वाहन की है, जो अनियंत्रित होकर पलट गया। सौभाग्यवश, वाहन में केवल चालक ही सवार था, जिससे किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है। यह दुर्घटना भले ही गंभीर जानलेवा साबित नहीं हुई, लेकिन क्षेत्र में यातायात सुरक्षा की अनदेखी को उजागर करती है।

दूसरी और कहीं अधिक चिंताजनक घटना शाम के समय अमलीपदर के प्रवेश मार्ग पर हुई, जब एक ट्रैक्टर ने तीन मोटरसाइकिलों को टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रैक्टर चालक ने अचानक विपरीत दिशा में वाहन मोड़ दिया, जिसका कारण एक छोटे बच्चे को बचाने का प्रयास बताया जा रहा है। इस हादसे में जिन मोटरसाइकिलों को नुकसान हुआ, वे क्रमशः मुकेश साहू, अनिल साहू और बेड़माल पटेल की थीं। फिलहाल, ट्रैक्टर चालक की पहचान नहीं हो पाई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि अमलीपदर की सड़कों की चौड़ाई बहुत कम है और जगह-जगह अवैध अतिक्रमण तथा गाड़ियों की अव्यवस्थित पार्किंग के कारण यातायात बेहद बाधित होता है। यह स्थिति दुर्घटनाओं को आम बनाती जा रही है। नागरिकों का यह भी आरोप है कि अतीत में कई बार इन समस्याओं को लेकर आवाज़ उठाई गई, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यहां तक कि सड़कों की मरम्मत और विस्तार के लिए स्वीकृत बजट भी समय पर उपयोग नहीं किया गया और वापस चला गया।

दोनों हादसों के बाद क्षेत्र के लोग अब और अधिक सजग रहने की अपील कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सड़क चौड़ीकरण, अतिक्रमण हटाने और ट्रैफिक नियमों के कड़ाई से पालन के लिए कदम उठाए जाएं। साथ ही, सड़क किनारे अवैध रूप से खड़े वाहनों की नियमित जांच और कार्रवाई की भी आवश्यकता महसूस की जा रही है।

इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि बुनियादी ढांचे और यातायात प्रबंधन पर तत्काल ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में और भी गंभीर दुर्घटनाएं घट सकती हैं।

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