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सरायपाली में गोवंशों के साथ क्रूरता का मामला, जनआक्रोश के बीच दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग

सरायपाली (छत्तीसगढ़):सरायपाली नगर के वार्ड क्रमांक 1 से एक अत्यंत पीड़ादायक और हृदयविदारक घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय नागरिकों को व्यथित किया है, बल्कि पूरे हिंदू समाज में गहरा आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने सात गोवंशों की नृशंस हत्या कर उनकी खालों को पेड़ों पर लटकाकर सुखाने के लिए टांग दिया। यह कृत्य न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि धार्मिक आस्थाओं के साथ किया गया गंभीर और घोर अपमान भी है।

हिंदू धर्म में गौमाता को माता का दर्जा प्राप्त है और करोड़ों लोगों की आस्था उनसे जुड़ी है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं केवल आपराधिक ही नहीं, बल्कि सामूहिक धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाने वाली होती हैं। घटना की सूचना फैलते ही क्षेत्र में रोष की लहर दौड़ गई और नागरिकों ने दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करते हुए कड़ी सजा देने की अपील की है।

स्थानीय समाजसेवी संगठनों और नागरिकों का मानना है कि यह घटना प्रशासनिक लापरवाही और समाज में बढ़ रही अमानवीय सोच का परिणाम है। इस संबंध में सरायपाली गौ रक्षा टीम के सदस्य मयंक शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गोवंशों के साथ इस प्रकार की बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, साथ ही गौ संरक्षण हेतु एक मजबूत निगरानी तंत्र विकसित किया जाए।

मयंक शर्मा ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि हिंदू समाज जागरूक और संगठित होकर अपनी संस्कृति, परंपरा और गोमाताओं की रक्षा के लिए आवाज़ उठाए। उन्होंने गौहत्या को केवल धार्मिक अपराध ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा पर आघात बताया।

स्थानीय नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि दोषियों की गिरफ्तारी में देरी हुई या मामले को अनदेखा किया गया, तो वे शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन और आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि गोवंश संरक्षण को लेकर ठोस और सख्त पहल की नितांत आवश्यकता है।

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