सत्य,अहिंसा एवं नशामुक्ति के संदेश को लेकर दुर्ग पहुंची-जैन साध्वी डॉ.बिन्दुप्रभा
■ छत्तीसगढ़ का धमतरी शहर है जैन साध्वी डॉ.बिन्दुप्रभा श्री म.सा.की जन्मस्थली
■ जैन साध्वी डॉ.बिन्दुप्रभा दीक्षा लेने के पश्चात 20 वर्ष के लंबे अंतराल में दूसरी बार पहुंची छत्तीसगढ़
व्याख्यानवाचस्पति,उग्र विहारी,आगम विवेचक,संयम शिरोमणि,वचन सिद्ध साधक, जयगच्छाधिपति बारहवें पट्टधर आचार्य प्रवर श्री पार्श्वचंद्रजी म.सा. की आज्ञानुवर्तिनी
मधुर व्याख्यात्री,नंदशिष्या परम विदुषी महासतीजी डाॅ.श्री बिन्दुप्रभाजी श्री म.सा सेवाभावी महासती श्री हेमप्रभाजी म.सा आदि ठाणा 2 का राजस्थान से उग्र विहार करते हुए धमतरी चातुर्मास के लक्ष्य को लेकर राजनांदगांव के रास्ते छत्तीसगढ़ प्रवेश करते हुए खैरागढ़,बेमेतरा,अतरिया एवं विभिन्न नगरों से पैदल विहार करते हुए 16 अप्रैल को जैन समुदाय के श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति में दुर्ग नगर में मंगलमय पदार्पण हुआ।जैन साध्वी डॉ बिन्दुप्रभा श्री जी का जन्म छत्तीसगढ़ के धमतरी शहर के बैद परिवार में ही हुआ था, जन्म से ही धार्मिक संस्कार मिलने के कारण जैन गुरुओं के संपर्क में आने के बाद दीक्षा के भाव जागृत हुए और परिवार की आज्ञा मिलने के पश्चात उन्होंने जैन भगवती दीक्षा अंगीकार की, उनकी दीक्षा आचार्य प्रवर जीतमल जी एवं लालचंद जी म.सा.के सानिध्य में नानना नगर(ब्यावर के समीप)राजस्थान में सम्पन्न हुई थी,दीक्षा के पश्चात वो आत्म-साधना करते हुए जैन धर्म के सत्य अहिंसा एवं नशा मुक्ति के प्रचार में निकल पड़े।छत्तीसगढ़ प्रवास के क्रम में दुर्ग शहर के खंडेलवाल कॉलोनी,मनोहर भवन में कल दिनाँक 19 अप्रैल प्रातः8.30 जैन धर्म के सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में प्रवचन एवं मांगलिक के कार्यक्रम सम्पन्न होंगे।साध्वी जी के दुर्ग प्रवास के पश्चात रायपुर,राजिम,फिंगेश्वर,महासमुंदकोमाखान होते हुए खरियार रोड की ओर विहार की संभावना है,फिंगेश्वर शहर में 3 मई को अक्षय तृतीया,जय संघ स्थापना दिवस,आचार्य लाल स्मृति दिवस एवं खरियार रोड(ओड़िसा) में गुरुणी संतोष स्मृति दिवस एवं साध्वी बिन्दुप्रभा जी के 41वाँ दीक्षा प्रवेश आनंद उत्साह के साथ संपन्न होगा। साध्वी जी के छत्तीसगढ़ प्रवास के दायित्व को संभालने वाले समिति के सदस्यों ने समाज के लोगों से आगामी विभिन्न कार्यक्रमों में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर धर्म की प्रभावना हेतु अपील की है।
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖