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हाईवा की आड़ में धान की तस्करी, महासमुंद में अवैध परिवहन का नया खेल बेनकाब

महासमुंद । जिले में धान के अवैध परिवहन के खिलाफ लगातार हो रही सख्त कार्यवाहियों के बीच तस्करों ने अब एक नया और बेहद चालाक तरीका अपना लिया है।

इस बार धान की तस्करी के लिए उन हाईवा वाहनों का सहारा लिया जा रहा है, जिनका उपयोग आमतौर पर रेत, गिट्टी और अन्य बिल्डिंग मटेरियल की सप्लाई व ढुलाई के लिए किया जाता है।

हाईवे पर निर्बाध आवाजाही का फायदा उठाकर तस्कर अब धान को उसी अंदाज में ढककर ले जा रहे हैं, ताकि बाहर से देखने पर यह निर्माण सामग्री का परिवहन प्रतीत हो।

इस पूरे मामले का खुलासा नर्रा जांच चौकी में हुआ, जहां बागबाहरा मंडी विभाग ने एक हाईवा वाहन को पकड़कर उस पर कार्यवाही की। जांच के दौरान जब वाहन को खुलवाया गया, तो उसके भीतर बड़ी मात्रा में धान पाया गया, जिसे अवैध रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा रहा था।

साथ ही वाहन को इस तरह से ढंका गया था कि प्रथम दृष्टया किसी को भी धान के परिवहन का शक न हो।हालांकि इस कार्यवाही के दौरान एक गंभीर सवाल भी खड़ा हो गया है।

जानकारी के अनुसार मौके पर ही जप्त धान और वाहन का पंचनामा तैयार नहीं किया गया, जबकि नियमानुसार जप्ती के समय पंचनामा बनाना अनिवार्य होता है। इसके बजाय हाईवा वाहन को सीधे कोमाखान थाना ले जाया गया। इस प्रक्रिया ने अब पूरी कार्यवाही की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

यही कारण है कि इस मामले में प्रशासन से अधिक अब मंडी विभाग की कार्यप्रणाली पर संदेह उत्पन्न हो रहा है।

सवाल उठ रहे हैं कि क्या नियमों का पालन जानबूझकर नहीं किया गया, या फिर कार्यवाही में गंभीर लापरवाही बरती गई। पंचनामा नहीं बनाए जाने से न केवल साक्ष्यों की मजबूती पर असर पड़ता है, बल्कि यह भी आशंका पैदा होती है कि कहीं इस पूरी प्रक्रिया में किसी स्तर पर मिलीभगत तो नहीं है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में अवैध धान परिवहन के मामलों में महासमुंद जिला पहले से ही संवेदनशील माना जाता है। जिले में अब तक सबसे अधिक अवैध धान परिवहन पर कार्यवाही दर्ज की जा चुकी है। इन्हीं लगातार हो रही कार्रवाइयों के बाद तस्करों ने अब अपने पुराने तरीकों को बदलते हुए हाईवा जैसे भारी वाहनों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, ताकि जांच चौकियों और अधिकारियों की नजरों से बचा जा सके।

हाईवे पर दिन-रात दौड़ने वाले भारी वाहनों की आड़ में हो रहा यह अवैध कारोबार प्रशासन के लिए एक नई चुनौती बनकर सामने आया है। साथ ही यह भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या अन्य जांच चौकियों पर भी इसी तरह के वाहनों से धान की तस्करी हो रही है और क्या हर जगह जांच और कार्यवाही समान रूप से सख्त है ?

यह मामला स्पष्ट संकेत देता है कि धान तस्करी अब संगठित रूप ले चुकी है और तस्कर कानून से एक कदम आगे चलने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में आवश्यकता है कि मंडी विभाग की कार्यप्रणाली की भी निष्पक्ष समीक्षा हो, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि नियमों की अनदेखी क्यों हुई। जब तक कार्यवाही की प्रक्रिया पारदर्शी और नियमों के अनुरूप नहीं होगी, तब तक अवैध धान परिवहन पर प्रभावी रोक लगाना चुनौती बना रहेगा।

डॉ.भास्कर राव पांढरे

डॉ.भास्कर राव पांढरे वर्ष 2010 से पत्रकारिता जगत से जुड़े हुए हैं । इन्होंने विभिन्न समाचार पत्रों में सह संपादक के पद पर अपने दायित्वों का व निर्वहन किया है ।2023 की विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ के विभिन्न विधानसभाओं में जनता का अभिमत जानने के लिएजननायक कार्यक्रम लेकरपहुंचे थे , जो विधानसभा चुनाव के दौरान बहुत लोकप्रिय हुआ था । वर्तमान में यह The Howker News के प्रधान संपादक के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
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