
सर्व हिन्दू समाज संस्था का हुआ शपथ ग्रहण समारोह
, शहर के प्रथम नागरिक महापौर रामू रोहरा ने दिलाई शपथ
शहर के 40 वार्डों में युवा-महिला टीम बनेगी महेश रोहरा अशोक पवार
हिन्दू कोई भौगोलिक क्षेत्र का नाम नहीं, यह सांस्कृतिक विचारधारा है : डॉ उपाध्याय

धमतरी । सर्व हिन्दू समाज संस्था का शनिवार को शपथ ग्रहण समारोह हुआ। नवनियुक्त अध्यक्ष महेश रोहरा, सचिव अशोक पवार, उपाध्यक्ष हरजिंदर सिंह छाबड़ा विजय गोलछा नंदू जसवानी बिसेसर पटेल दिलीप सोनी सुबोध राठी अजय जैन पवन अग्रवाल वरुण राय दिलीप पटेल सहित अन्य पदाधिकारियों ने शपथ लिया। शपथ ग्रहण के बाद विशिष्ट अतिथि डॉ रोशन उपाध्याय ने हिन्दुत्व व सनातन धर्म पर अपनी बात रखी।
डॉ उपाध्याय ने कहा कि हिन्दू दो शब्दों से बना है। हि और इन्दू। हि से हिमालय और इंदू से इंदू सरोवर। इसका विस्तार उत्तर में हिमालय से दक्षिण में हिंद महासागर तक है। इस भू-भाग को हिन्दुस्तान कहते हैं और यहां रहने वाले लोगों को हिन्दू कहते हैं, चाहे वह किसी भी वर्ण, भाषा, जात-पात का हो। शास्त्र के अनुसार गौ की रक्षा जिस समाज में होती है वे हिन्दू हैं। जिस समाज के लोगों का पुर्नजन्म के प्रति अपार आस्था और इस गौरवशाली परंपरा को मानते हैं ऐसे लोग हिन्दू हैं। साथ ही जिनकी परिभाषा का मूलमंत्र ओंकार है, गौ को मां का दर्जा मिलता है, जो हिंसा से दूर रहते हैं, ऐसे लोग हिन्दू कहलाते हैं। भारत की भूमि ऐसी है जिसकी देवता भी स्वर्ग से भूरी-भूरी प्रशंसा करते हैं। भारत स्वर्ग, मोक्ष को प्रदान करने वाला देश है। बांकी अन्य 200 से अधिक देश सभी भोग भूमि है।
हिन्दुत्व का भाव या विचार रखने वाले हिन्दू व सनातनी कहलाते हैं। हिन्दू कोई भौगोलिक क्षेत्र का नाम नहीं, यह सांस्कृतिक विचारधारा है। यहां के लोग दैवीय परंपरा को मानते हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व की परंपरा को हमारे महापुरूषों ने भी अपनी भाषा में इसे इंगित किया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक अखबार में कहा था कि मैं अपने आपको सनातनी हिन्दू घोषित करता हूं, क्योंकि इसमें अहिंसा, सहिष्णुता और समरसता का भाव है। इसी तरह वीर सावरकर ने कहा था कि वह व्यक्ति हिन्दू है जो भारत को पितृ व पुण्य भूमि मानता है।
स्वामी विवेकानंद ने शिकागों में नारा दिया था कि गर्व से कहो हम हिन्दू हैं। उन्होंने कहा था कि हिन्दुओं में जो समावेशीपन है वह किसी अन्य धर्म में नहीं है। बांकी में सिर्फ मैं और मेरा की परंपरा है। दया, क्षमा, करूणा का भाव सिर्फ हिन्दुओं में है, इसलिए हिन्दू सर्वश्रेष्ठ है। सनातन की परंपरा ऐसी है जो अपने आप में हिन्दू कहलाता है। यही नहीं अमेरिका सहित नासा के वैज्ञानिक भी हिन्दू धर्म से प्रभावित हुए। हिन्दू धर्म की जो काल गणना है इसका कोई तोड़ नहीं है। वैज्ञानिक भी इस गणना को मानते हैं। सनातन के सभी समाज मूल रूप से राम-कृष्ण, भगवती, महादेव एवं उनकी परंपरा से ही जुड़े हैं, इसलिए दिखने में अलग प्रतीत होते हुए भी मूलत: सभी एक हैं।
हिन्दुत्व की रक्षा में महापुरूषों ने दिया योगदान
डॉ उपाध्याय ने कहा कि हिन्दुत्व की रक्षा में हमारे महापुरूषों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब को मात दी। उन्होंने अपने राज्य को हिंदवी स्वराज्य का नाम दिया। हिन्दुत्व का विस्तार सतयुग से शुरू हो गया था। वनवास काल में सतयुग के अंतर्गत पूरी पृथ्वी अखंड भारत था। उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म की रक्षा और सुरक्षा को लेकर हम सबको सोचना पड़ेगा। जात-पात छोडकऱ एक मंच पर आना होगा।
सनातन के विरूद्ध बात हुआ तो कानून के दायरे में आकर विरोध करना होगा। हमें अपने बच्चों सहित युवा पीढ़ी को अपने धर्म के बारे में बताना होगा। तभी हमारा धर्म बचेगा। बच्चों को इतिहास पढ़ाना जरूरी है। क्षेत्रीयता, जात-पात को लेकर हमें बंटना नहीं है।
राष्ट्र के लिए जो अलख जगी है उसका सम्मान करेंगे: महेश रोहरा
सर्वसमाज के नवनियुक्त अध्यक्ष महेश रोहरा ने कहा कि कंधों के ऊपर छाती नहीं होती, धर्म के ऊपर जाति नहीं होती। हमें भी अब जागना है और हम सबको मिलकर जात-पात, ऊंच-नीच की विदाई करनी है। सनातन धर्म के लिए सभी को एक होना है। हिन्दू राष्ट्र की मांग हुई है। हिन्दू राष्ट्र के लिए जो अलख जगी है उसका सम्मान करेंगे। जल्द ही शहर के सभी 40 वार्डों में जाएंगे। भेदभाव को मिटाने का प्रयास करेंगे, जो समस्या है उसे दूर करेंगे। प्रशिक्षण शिविर लगाकर जागरूक करेंगे। युवा और महिलाओं की अलग-अलग टीम बनाएंगे। सचिव अशोक पवार ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि हमें हिन्दुत्व की रक्षा के लिए तन-मन-धन से जुडऩा है। हिन्दू एक सांस्कृतिक विचारधारा है, जो हिन्दू धर्म और संस्कृति को बढ़ावा देती है। यह विचारधारा राष्ट्रवाद पर आधारित है। इसका उद्देश्य हिन्दू समाज को मजबूत करना है और हिन्दू धर्म की रक्षा करना है। हिन्दुत्व और सनातन दोनों ही भारतीय संस्कृति और धर्म से जुड़े हुए हैं। उन्होंने मौजूद लोगों से अपील की कि हमें अपने व बच्चों का जन्मदिन तिथि के अनुसार मनाना चाहिए, क्योंकि जब अंतिम संस्कार की रस्म की जाती है तब तिथि का ही बोध होता है। पूर्व अध्यक्ष व संरक्षक दीपक लखोटिया ने कहा कि समाज में अनेक तरह के बिखराव आ चुके हैं। हमें आने वाली पीढ़ी के लिए कुछ करना है, तो सनातन के लिए कुछ करना होगा। संगठित होना जरूरी है। कार्यक्रम को मुख्य अतिथि निगम महापौर रामू रोहरा, डॉ प्रभात गुप्ता, डॉ हीरा महावर ने भी संबोधित किया।





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